देश में राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) की तारीख का एलान हो गया है। चुनाव आयोग ने गुरुवार दोपहर राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का एलान किया है। निर्वाचन आयोग ने बताया कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा। इसके लिए 15 जून को अधिसूचना जारी हो जाएगी। 21 जुलाई को चुनाव के नतीजे आएंगे। स्क्रूटनी 30 जून तक होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 2 जुलाई है।
गौरतलब है कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। जरूरत पड़ने पर 18 जुलाई को मतदान होगा और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4809 सदस्य चुनाव में भाग लेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि संसद और सभी राज्यों के विधानसभा भवन में मतदान का इंतजाम किया जाएगा। सांसदों और विधायकों को मतदान के लिए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए पेन का ही इस्तेमाल करना होगा। किसी और पेन का इस्तेमाल करने पर वोट रद्द हो जाएगा। सांसद आमतौर पर संसद में मतदान करते हैं। अगर किसी कारणवश उन्हें किसी राज्य के विधानसभा भवन में बने मतदान केंद्र में वोट डालना है तो उन्हें इसकी पहले से जानकारी देनी होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर पसंद जाहिर करनी होगी। यदि वोट देने वाले सांसद और विधायक ने पहली पसंद नहीं दी तो फिर वोट को रद्द माना जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4,809 वोट होंगे। कुल वोटों का मूल्य 10 लाख 98 हजार 803 होगा। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मतदान करेंगे। इसके अलावा विधानसभाओं के सदस्य भी मतदान कर सकेंगे। मतदान में लोकसभा एवं राज्यसभा के 776 सांसद और 4,120 विधायक हिस्सा लेंगे।
वोटों की गिनती दिल्ली में होगी। चुनाव के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। पिछला राष्ट्रपति चुनाव 2017 में हुआ था। 17 जुलाई को मतदान और 20 जुलाई काउंटिंग हुई थी।
राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में 776 सांसद शामिल होते हैं। इनमें 543 लोकसभा और 233 राज्यसभा के सदस्य हैं। इसके साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधायक भी निर्वाचक मंडल के सदस्य हैं। चुनाव में कुल मतों की गणना उनके मूल्य के आधार पर की जाती है।
राज्यों के वोट की वैल्यू भी अलग-अलग होती है। एक एमपी के वोट की वैल्यू 708 है। दूसरी ओर विधायकों के वोट की कीमत इस बात से तय होती है कि उनके राज्य की आबादी और विधानसभा सीटों की संख्या कितनी है।
उत्तरप्रदेश के विधायकों के वोट की वैल्यू सबसे अधिक है। इसके बाद महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का नंबर है। इस साल की शुरुआत में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार कामयाबी हासिल की है। इसके साथ ही संसद के दोनों सदनों में भी बीजेपी के सदस्यों की संख्या अधिक है। इसके चलते राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के पास बड़ी बढ़त है।