महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) शुक्रवार को पुलिस सुरक्षा के बीच पुणे अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव के उद्घाटन के लिए पुणे (Pune) पहुंचे थे। इस दौरान उनके काफिले को स्वराज संगठन के कुछ सदस्यों ने काले झंडे दिखाए।
प्रदेश के राज्यपाल को ये काले झंडे छत्रपति शिवाजी महाराज पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी के विरोध में दिखाए गए हैं। पुणे पुलिस के मुताबिक विरोध कर रहे लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बता दें पिछले दिनों राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विवि के दीक्षांत समारोह में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मानद उपाधि देते हुए शिवाजी महाराज को पुराने जमाने का आदर्श बताते हुए विवादित बयान दिया था। जिसके बाद शिवसेना ने जमकर विरोध जताया था और उद्धव ठाकरे समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने कोश्यारी को राज्यपाल पद से हटाने की मांग की थी। इसके साथ ही शिवाजी महाराज का अपमान करने पर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना भी की थी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने नंवबर महीने की शुरुआत में विवि कार्यक्रम में शिवाजी महाराज पिछले जमाने का आदर्श बताते हुए भाजपा नेता नितिन गडकरी को वर्तमान समय का आदर्श बताया था। उन्होंने कहा था जब हम छोटे थे तो स्कूल में पूछा जाता था कि आपके फेवरेट लीडर कौन हैं? तो आपको आपका फेवरेट लीडर नितिन गडकरी के रूप में यहीं मिल जाएगा।
उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि राज्यपाल महोदय ने हमेशा महापुरुषों को अपमानित करने का काम किया है। इन्हें तत्काल महाराष्ट्र के बाहर भेज देना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के न सिर्फ आराध्य देव हैं बल्कि हम सबके प्रेरणास्रोत हैं। वह हमेशा हम सबके हीरो रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय की मान ले तो भगवान राम और भगवान कृष्ण भी पुराने हो गए हैं। तो क्या हम नए भगवान को चुन लें? उन्होंने कहा कि राज्यपाल का बयान सर्वथा निंदनीय है।