भारतीय रेलवे के लिए आज का दिन बेहद खास है और इसे खास नहीं बल्कि ऐतिहासिक कहिए. आज रेलवे ने ट्रेन हादसों को टालने वाली कवच तकनीक का सफल परीक्षण किया है. इस तकनीक से आमने-सामने दो ट्रेनों की टक्कर को आसानी से टाला जा सकता है.
इसमें दो ट्रेनों को आमने-सामने चलाया गया, जिसमें एक ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद थे, तो दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे. परीक्षण के दौरान कवच तकनीक को ऑन करते ही सामने से आ रही ट्रेन करीब 380 मीटर की दूरी पर ही ठहर गई और इस तरह से दो ट्रेनों की आपसी टक्कर होने से बच गई.
कवच तकनीक की वजह से ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग गए. रेल मंत्री द्वारा एक मिनट का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें लोकोपायलट वाले केबिन में रेल मंत्री समेत अन्य अधिकारी दिखाई दे रहे हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, ”रियर-एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा है. कवच ने अन्य लोको से 380 मीटर पहले लोको को स्वचालित रूप से रोक दिया.”
बता दें कि ट्रेन हादसों को रोकने के लिए भारतीय रेलवे लगातार कवच तकनीक के निर्माण पर काम कर रहा था. इसके तहत वह भविष्य में जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है. अपनी इसी योजना के तहत शुक्रवार को उसने ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली कवच का परीक्षण किया है.
क्या है कवच
ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली में दो ट्रेन अगर विपरीत दिशा से एक-दूसरे की तरफ आ रही हैं, फिर चाहे उनकी गति कितनी भी हो लेकिन ‘कवच’ के कारण ये दोनों ट्रेन टकराएंगी नहीं. यह तकनीक ओवर स्पीडिंग को रोकने के लिए स्वत: ब्रेक लगाने के लिए है. वहीं, जब फाटकों के पास ट्रेन पहुंचेगी तो अपने आप सीटी बज जाएगी. कवच तकनीक लगे दो इंजनों में यह तकनीक टक्कर नहीं होने देगी. साथ ही, आपात स्थितियों के दौरान एसओएस मैसेज भेजेगी. नेटवर्क मॉनिटर प्रणाली के माध्यम से गाड़ी संचलन करना भी इसमें शामिल है.