रंजीत सिंह हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim Singh) को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. सीबीआई की विशेष अदालत में रंजीत सिंह की हत्या के मामले में राम रहीम समेत 5 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. राम रहीम पर 31 लाख का जुर्माना और 4 अन्य दोषियों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. गौरतलब है कि मामले में बीते मंगलवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और सजा के ऐलान के लिए 18 अक्टूबर का दिन तय किया गया था.
इस दौरान पंचकूला में धारा-144 लागू रही. कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे. किसी भी तरह के तेजधार हथियार को लेकर चलने पर भी प्रतिबंध रहा. 17 नाकों समेत शहर में कुल सात सौ जवान तैनात रहे. सीबीआई कोर्ट परिसर और चारों प्रवेशद्वार पर आईटीबीपी की चार टुकड़ियां तैनात थीं.
सेवादार की हत्या के मामले में राम रहीम के अलावा सबदिल, अवतार, जसवीर और कृष्ण को दोषी ठहराया गया था. रंजीत सिंह के परिवार का कहना है कि उन्होंने न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है और वह कोर्ट से फांसी की सजा की उम्मीद लगाए बैठे थे हालांकि कोर्ट ने दोषियों को उम्र कैद की सजा दी है.

गुरमीत राम रहीम सिंह सहित 5 आरोपियों की सजा के ऐलान के चलते पंचकूला में जान और माल के नुकसान, किसी भी तरह का तनाव पैदा करने, शांति भंग करने और दंगों की आशंकाओं को देखते हुए धारा 144 लागू की गई थी. जिसके तहत पंचकूला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के साथ लगते हुए सेक्टर 1, 2, 5, 6 और आसपास के इलाके में पड़ने वाले नेशनल हाईवे पर किसी भी शख्स के तलवार (धार्मिक प्रतीक कृपाण के अलावा), लाठी, डंडा, लोहे की रॉड, बरछा, चाकू या अन्य हथियार लेकर घूमने पर पूरी तरह से प्रतिंबध लगा है. डीसीपी मोहित हांडा ने ये आदेश जारी किया है.
गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र निवासी रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 8 अक्टूबर को पंचकूला स्थित हरियाणा स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम, तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल, अवतार, जसबीर और सबदिल को दोषी करार दिया था.
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने करीब ढाई घंटे बहस के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया था. वहीं, इससे पहले गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण के मामले में 20 साल की सजा हो चुकी है. इसके अलावा वह पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
उल्लेखनीय है कि 10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे रणजीत सिंह की उस समय हत्या हुई थी, जब वह अपने घर से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के साथ लगते अपने खेतों में नौकरों को चाय पिलाकर वापस घर जा रहे थे. हत्यारों ने अपनी गाड़ी जीटी रोड पर खड़ी रखी और वे धीरे से खेत से आ रहे रणजीत सिंह के पास पहुंचे और काफी नजदीक से उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था. गोलियां मारने के बाद हत्यारे फरार हो गए थे. हत्यारों में पंजाब पुलिस का कमांडो सबदिल सिंह, अवतार सिंह, इंद्रसेन और कृष्णलाल आरोपी थे.