महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी पहुंचे हैं. यहां पहुंचते ही शिंदे ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उनके साथ 40 विधायक हैं. कहा जा रहा है कि इसमें शिवसेना के 33 और 7 निर्दलीय विधायकों का समावेश है. शिंदे ने यह भी कहा कि मैंने बाला साहेब की शिवसेना नहीं छोड़ी है.
अटकले हैं कि शिवसेना के ये बागी नेता महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए बीजेपी का समर्थन कर सकते हैं. हालांकि एकनाथ ने इससे साफ मना किया है. सूरत एयरपोर्ट पर शिंदे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व का हम पालन कर रहे हैं और आगे भी करेंगे. हमनें बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना को नहीं छोड़ा है और न ही छोड़ेंगे.
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की अगुआई में ये नेता जब सूरत से गुवाहाटी एयरपोर्ट पहुंचे तो उनकी अगवानी बीजेपी के विधायक सुशांत बोरगोहेन और भाजपा सांसद पल्लव लोचन दास ने की. सूत्रों के मुताबिक, पत्रकारों के पूछने पर बोरगोहेन ने कहा कि मैं यहां उन्हें (शिवसेना विधायकों को) रिसीव करने आया हूं. मैं उनसे निजी संबंधों की वजह से यहां पर हूं. जब उनसे पूछा गया कि कितने विधायक आए हैं तो उन्होंने कहा कि मैंने गिने नहीं हैं.
हालांकि एकनाथ शिंदे ने एयरपोर्ट पर ही दावा किया कि उनके साथ शिवसेना के 40 विधायक यहां पर मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि हम बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे बढ़ाएंगे. सूरत छोड़ने से पहले हवाई अड्डे पर शिंदे ने कहा था कि हमने बाला साहेब की शिवसेना को नहीं छोड़ा है, और न कभी आगे छोड़ेंगे.
राज्य में जारी सियासी घमासान के बीच सीएम उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की फोन पर बात हुई है. जहां शिंदे ने मुख्यमंत्री से बीजेपी के साथ गठबंधन करने और एनसीपी-कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने की सलाह दी है. लेकिन इस पर सीएम ने क्या कहा इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इन सब के बीच आज दोपहर एक बजे कैबिनेट मीटिंग होने जा रही है. मुख्यमंत्री ने यह अर्जेंट बैठक बुलाई है.
बागी शिंदे को मनाने की कोशिशें फेल
इधर, बागी तेवर अपनाने वाले एकनाथ शिंदे को मनाने की शिवसेना की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं. शिंदे की अगुआई में विधायकों के सूरत पहुंचने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने विश्वस्त मिलिंद नारवेकर और रवींद्र फाटक आदि नेताओं को सूरत भेजा था, जिन्होंने वहां शिंदे और कई विधायकों से मुलाकात की थी. लेकिन लगता है, बात नहीं बनी. उसी के बाद शिवसेना ने कार्रवाई करते हुए एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक दल के नेता पद से हटा दिया. इस बारे में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को लेटर भी सौंप दिया गया है.
इससे पहले देर रात उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच फोन पर करीब 20 मिनट बातचीत भी हुई लेकिन शिंदे अपने रुख पर अड़े रहे. शिंदे बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कर रहे हैं वहीं उद्धव इसके लिए तैयार नहीं हैं.
बीजेपी का दावा, उद्धव सरकार अल्पमत में
तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच महाराष्ट्र में बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उद्धव ठाकरे सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि हमार जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे और 35 विधायक चले गए हैं. इसका मतलब तकनीकी तौर पर महाराष्ट्र की एमवीए सरकार अल्पमत में है, हालांकि प्रैक्टिकली सरकार को अल्पमत में आने में थोड़ा वक्त लगेगा. बीजेपी के सरकार बनाने के दावे पर पाटिल ने कहा कि इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. हम इंतजार कर रहे हैं. हालात पर हमारी नजर है. अभी तक न तो बीजेपी की तरफ से और न ही एकनाथ शिंदे की तरफ से सरकार गठन को लेकर कोई प्रस्ताव दिया गया है. लेकिन राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है.