क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान को मिली क्लीन चिट के बाद अब NCB मुंबई के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने आर्यन खान ड्रग्स बरामदगी मामले में पूर्व-एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की जांच को घटिया और खराब कहा है। ऐसे में सरकार ने मामले में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों का दावा है कि केंद्र सरकार क्रूज ड्रग्स केस में जांच के बाद एनसीबी की ओर से आर्यन खान को दी गई क्लीन चिट के बाद समीर वानखेड़े की जांच को घटिया और खराब बताया है. साथ ही जांच एजेंसी को वानखेड़े के खिलाफ जांच करने के निर्देश दे दिए हैं।
एनसीबी के डीजी एस एन प्रधान के मुताबिक आर्यन खान ड्रग्स के मामले में समीर वानखेड़े की टीम से गलती हुई. गिरफ्तारी के वक्त समीर वानखेड़े इस मामले की जांच कर रहे थे. प्रधान के मुताबिक अगर एनसीबी से गलती नहीं हुई होती तो SIT जांच को अपने हाथ में क्यों लेती.
मुंबई में एक क्रूज जहाज पर मिले ड्रग्स (मादक पदार्थ) के मामले को लेकर एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के प्रमुख एसएन प्रधान ने जानकारी साझा की. प्रधान ने कहा कि सभी जांचों के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि 20 शुरुआती आरोपियों में से 14 के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया और छह के खिलाफ नहीं.
प्रधान ने कहा कि 14 लोगों के खिलाफ हमें भौतिक और स्थितिजन्य सबूत मिले हैं. छह के खिलाफ हमें अपर्याप्त सबूत मिले जो उचित संदेह से परे के सिद्धांत को संतुष्ट नहीं करते हैं जिसे सुप्रीम कोर्ट और अन्य अदालतों की ओर से बार-बार दोहराया गया है. इन छह लोगों में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का नाम भी शामिल है.
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि व्हाट्सएप चैट की भौतिक पुष्टि होनी आवश्यक है. अदालतों ने यह स्पष्ट किया है कि व्हाट्सएप चैट का अपने आप में कोई महत्व नहीं है. प्रधान ने आगे कहा कि आप व्हाट्सएप पर किसी भी चीज के बारे में बात कर सकते हैं लेकिन अगर भौतिक साक्ष्यों से इसकी पुष्टि नहीं होती है तो यह पूर्ण प्रमाण नहीं है.
उधर समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह पूर्व एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। यह निर्देश फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से संबंधित ड्रग्स मामले में गलत जांच को लेकर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि वानखेड़े के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मामले में सरकार पहले की कार्रवाई कर चुकी है।