भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा (Sania Mirza) ने संन्यास का ऐलान कर दिया है. उन्होंने बताया, यह उनका आखिरी सीजन होगा. इस सीजन के बाद वो टेनिस से संन्यास ले लेंगे. यह जानकारी उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई ओपन में हार के बाद दी.
सानिया मिर्जा ने कहा, ”मैंने तय किया है कि यह मेरा आखिरी सीजन होगा. मैं इसे सप्ताह दर सप्ताह ले रही हूं, मुझे यकीन नहीं है कि मैं इस सीजन तक रह सकती हूं, लेकिन मैं ऐसा करना चाहती हूं.”
मुकाबले के बाद सानिया मिर्ज़ा ने कहा कि मुझे लगता है मैं बेहतर खेल सकती हूं, लेकिन अब शरीर उस तरह से साथ नहीं दे पाता है. ये सबसे बड़ा सेटबैक है. साल 2003 से अंतरराष्ट्रीय टेनिस मुकाबले खेल रही सानिया मिर्ज़ा करीब दो दशक बाद कोर्ट से विदा लेंगी.
गौरतलब है कि भारत के रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा बुधवार को अपने पहले दौर के मैच गंवाने के कारण ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस प्रतियोगिता में पुरुष और महिला युगल के पहले दौर से बाहर हो गये.
बोपन्ना और फ्रांस के उनके जोड़ीदार एडुआर्ड रोजर वेसलिन ने वाइल्ड कार्ड से प्रवेश पाने वाले क्रिस्टोफर रंगकाट और ट्रीट हुए के खिलाफ अच्छी शुरुआत की लेकिन इसके बाद उनकी लय गड़बड़ा गयी और आखिर में उन्हें पहले दौर के इस मैच में 6-3, 6-7(2), 2-6 से हार का सामना करना पड़ा.
दूसरी तरफ सानिया और यूक्रेन की उनकी जोड़ीदार नादिया किचनोक स्लावानिया की तमारा जिदानसेक और काजा जुवान की जोड़ी से एक घंटे 37 मिनट में 4-6, 6-7(5) से हार गयी. किचनोक आज लय में नहीं थी और उन्होंने कई सहज गलतियां की. हालांकि, बोपन्ना और सानिया अब मिश्रित युगल में अपना भाग्य आजमाएंगे. बोपन्ना ने क्रोएशिया की दारिया जुराक श्राइबर, जबकि सानिया ने अमेरिका के राजीव राम के साथ जोड़ी बनाई है.
भारत में महिला टेनिस की सबसे बड़ी स्टार
35 साल की सानिया मिर्जा भारत की सबसे बड़ी महिला टेनिस स्टार रही हैं, जिन्होंने अपने नाम कई खिताब किए साथ ही लड़कियों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरणा दी है. सानिया मिर्ज़ा ने डबल्स में ऑस्ट्रेलियन ओपन, विंबल्डन, अमेरिकी ओपन का खिताब जीता है. जबकि मिक्स डबल्स में भी सानिया मिर्ज़ा ने ऑस्ट्रेलियन ओपन और अमेरिकी ओपन को अपने नाम किया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने करियर में 6 ग्रैंड स्लैम टाइटल जीते हैं. मिर्जा का एक सिंगल करियर भी काफी शानदार रहा है. वह 2007 के मध्य में दुनिया में रैंकिंग के मामले में 27वें नंबर पर थी. इसने उन्हें भारत की अब तक की सर्वोच्च रैंकिंग वाली महिला खिलाड़ी बना दिया.