वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ का निधन हो गया है. 67 की उम्र में उन्होंने दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आखिरी सांस ली है. पिछले काफी दिनों से उनकी तबियत खराब थी. उनकी बेटी अभिनेत्री व कामेडियन मल्लिका दुआ ने यह जानकारी दी है. उन्होंने यह भी बताया कि कल दिल्ली में लोधी कंसोर्टियम में उनका अंतिम संस्कार होगा. इस खबर से पूरे पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ उठी है.
दुआ की बेटी अभिनेत्री मल्लिका ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ”वह (पिता विनोद दुआ) अब हमारी मां और उनकी प्यारी पत्नी चिन्ना के साथ स्वर्ग में है और वे साथ में गाना, खाना पकाना और यात्रा जारी रखेंगे.” विनोद दुआ की एक और बेटी बकुल दुआ हैं, जो मनोवैज्ञानिक हैं.
दूरदर्शन और एनडीटीवी जैसे समाचार चैनलों के लिए सेवाएं दे चुके विनोद दुआ हिंदी पत्रकारिता के जाने-माने चेहरे थे. दुआ की पत्नी पद्मावती ‘चिन्ना’ दुआ का कोविड-19 के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने के बाद जून में निधन हो गया था.
विनोद दुआ और उनकी पत्नी डॉक्टर पद्मावती को इसी साल अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर में COVID-19 पॉजिटिव होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद डॉक्टर पद्मावती का कोरोना के चलते निधन हो गया था. इसके बाद से विनोद दुआ की हालत में भी कोई खास सुधार नहीं आया. उन्हें कई बार हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा चुका था.
विनोद दुआ इलेक्ट्रानिक मीडिया के पहले पत्रकार रहे, जो प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड से सम्मानित हुआ. साल 2008 में उन्हें भारत सरकार ने पत्रकारिता के लिए पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया था. मुंबई प्रेस क्लब ने साल 2017 में उन्हें रेडइंक पुरस्कार से सम्मानित किया था. यह सम्मान उन्हें पत्रकारिता में उनकी जीवन भर की उपलब्धि के लिए दिया गया था. महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें यह सम्मान दिया था.