वेदांता और फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से गुजरात जाने पर सियासत तेज हो गई है। इसको लेकर शिवसेना ने ‘सामना’ के जरिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसा है। पार्टी ने मुख पत्र ‘सामना‘ में गुरुवार को लिखा, ‘यह पक्का है कि शिंदे ने वेदांता-फॉक्सकॉन डील अपने सीएम पद के बदले में गुजरात को सौंप दी है। हम यह आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि यह विश्वास है।‘
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखा कि यह डील महाराष्ट्र से गुजरात को बहुत ही आसानी से हस्तांतरित कर दी गई। भाजपा ने एकनाथ शिंदे को कंपनी का फेवर करने को कहा और यह काम हो गया। यह आरोप नहीं बल्कि हमारा विश्वास है। जिस तरह से फडणवीस ने अंतरराष्ट्रीय वित्त केंद्र को मुंबई से गुजरात भेजा, उसी तरह एकनाथ शिंदे ने वेदांता-फॉक्सकॉन सौदे को गुजरात को सौंप दिया। कल ये मुंबई को भी बेच देंगे।‘
शिवसेना ने कहा कि यह तो बस शुरुआत है। वेदांता-फॉक्सकॉन डील तो मामूली है। यह साफ है कि भाजपा ने शिंदे से कहा कि हमने तुम्हें सीएम बनाया। तुम्हारे विधायकों को करोड़ों रुपये दिए, अब तुम महाराष्ट्र के खजाने की चाबी हमें सौंपो।
राज ठाकरे की मांग का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा कि यह अच्छा है कि उन्होंने चिंता व्यक्त की है, लेकिन अपराधी उनका दोस्त यानी भाजपा है। शिवसेना ने कहा, “महाराष्ट्र के विकास के सभी इंजन अब गुजरात की ओर रुख करेंगे।”बता दें कि राज ठाकरे ने इस डील के गुजरात जाने की जांच की मांग की है।
सामना में कहा गया है कि शिंदे को महाराष्ट्र का विकास रोकने के लिए सीएम बनाया गया है। शिंदे सूरत और गुवाहाटी में अपने विधायकों के बैंड को भरोसा दिला रहे थे कि डरने की कोई बात नहीं है। अब हमारे पास एक बड़ी शक्ति है जो हमारा समर्थन कर रही है। हम जो चाहते हैं वह हमें मिलेगा। शाबाश शिंदे! आपको जो चाहिए वह मिल गया है, लेकिन महाराष्ट्र के युवाओं से उनके रोजगार के अवसर छीन लिए गए हैं।
इस पूरे मामले को लेकर बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने हमला बोला था। उन्होंने कहा कि वेदांता-फॉक्सकॉन सौदे के बाद ड्रग पार्क परियोजना आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के बजाय गुजरात में लगाया जाएगा। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने न केवल हमारे 40 विधायकों को छीना, बल्कि महाराष्ट्र की बड़ी परियोजनाओं को भी गुजरात को दे दिया। ऐसे में महाराष्ट्र को 2 लाख करोड़ का नुकसान होगा और यहां से 1 लाख रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे। आखिर इसका जिम्मेदारा कौन होगा?
बीते दिनों वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने स्पष्ट किया था कि प्रोजेक्ट के लिए गुजरात का चुनाव कुछ महीने पहले स्वतंत्र रूप से किया गया था। इसको लेकर आदित्य ठाकरे ने कहा कि दो अलग-अलग परियोजनाओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए कुछ संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। फॉक्सकॉन डील पर पहले की सरकार के तहत हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन वेदांत-फॉक्सकॉन की शुरुआत 2022 में हुई थी।