कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) के मामलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और अब यह आंकड़ा 40 तक पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक देश में ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट के अबतक 40 मामले दर्ज किए गए हैं. ज्यादातर केस महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु से सामने आए हैं. जिसमें सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र (Maharashtra) में हैं. भारत के अलावा नौ और देशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पता चला है.
सरकार के मुताबिक, भारत उन दस देशों में से एक है, जहां अब तक ‘डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है। इसे लेकर सबसे डरने वाली बात यह है कि यह डेल्टा प्लस वेरिएंट वैक्सीन और इम्युनिटी दोनों को चकमा दे सकता है। मेडिकल विशेषज्ञों (Medical Expert) का कहना है कि डेल्टा प्लस ‘वेरियंट ऑफ कंसर्न’ है.
कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है। डेल्टा प्लस वेरिएंट सबसे पहले इस साल मार्च में यूरोप में सामने आया था। लेकिन 13 जून को ही पब्लिक डोमेन में लाया गया था। यह नया स्वरूप डेल्टा प्लस (एवाई.1) भारत में सबसे पहले सामने आए डेल्टा (बी.1.617.2) में उत्परिवर्तन से बना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) ने सूचना दी थी कि डेल्टा प्लस स्वरूप, वर्तमान में चिंताजनक स्वरूप है, जिसमें तेजी से प्रसार, फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने और ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया’ में संभावित कमी जैसी विशेषताएं हैं।
क्यों आती है कोरोना की नई लहर
नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य वीके पॉल (VK Paul) ने बताया कि ‘कोरोना की नई लहर इसलिए आती है क्योंकि वायरस घूम रहा है. ऐसे में अगर वायरस रूप बदल देता है तो दिक्कत हो जाती है. इस बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है. हम वैक्सीन के जरिए ससेप्टिबिलिटी को बदल सकते हैं. अगर हम वायरस को मौका नही देते हैं तो दिक्क्क्त नही होगी. कई देशों में चार वेव तक आयी है. कोरोना वेव को लेकर कही रूल नहीं है, इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.’
कोरोना वायरस लगातार अपने रूप बदल रहा है और बार-बार म्यूटेट हो रहा है. कोरोना का भारत में जो डेल्टा वैरिएंट मिला था, ये डेल्टा प्लस उसी वैरिएंट से म्यूटेट होकर निकला है. तकनीकी तौर पर इसे B.1.617.2.1 या AY.1 नाम दिया गया है. डेल्टा वैरिएंट पहले भारत में मिला था, जिसके बाद इसने यूरोप के कई देशों में तबाही मचाई.