मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.
परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान वकील पुनीत बाली ने जस्टिस संजय किशन कौल कि पीठ को बताया कि परमबीर सिंह देश में हैं. जान का खतरा होने की वजह से वो छुपे हुए हैं. उनके वकील ने कहा, अगर ये मामला सीबीआई (CBI) को सौंप दिया जाता है तो परमबीर सिंह 48 घंटे के अंदर सीबीआई के सामने पेश होने को तैयार हैं.
परमबीर सिंह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल को डीजीपी की ओर से पत्र को वापस लेने को कहा गया है और गृहमंत्री के मामले में शांत रहने को कहा गया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि फोन पर जो बातें हुईं उसकी ट्रांसक्रिप्ट कहां है. इस पर परमबीर सिंह के वकील ने कोर्ट के सामने ट्रांसक्रिप्ट पेश की है. वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल को किस तरह से धमकियां दी गई हैं यह मैं अदालत को बताना चाहता हूं. एक के बाद एक छह एफआईआर उनके खिलाफ दर्ज की गईं.
कोर्ट में उनके वकील ने कहा कि परमबीर सिंह को पूरे मामले में फंसाया जा रहा है. उन्होंने जिन अधिकारियों को भ्रष्ट आचरण के लिए दंडित किया है, उन्हीं को आज शिकायतकर्ता बनाया गया है. अब तक उनके खिलाफ छह मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.
इस खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह से जांच में सहयोग करने को कहा है. कोर्ट ने फिलहाल परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और उनसे पूरे मामले की जांच के दौरान सहयोग बरतने के निर्देश दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई और महाराष्ट्र सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली तारीख 6 दिसंबर जारी कर दी है.