दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. इस गंभीर मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर नाराजगी जाहिर की है.
दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते एक्यूआई का स्तर लगातार 500 से ऊपर बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को इसी मुद्दे पर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जल्द से जल्द कदम उठाने के लिए कहा.
चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि ऐसी स्थिति में तो लगता है कि घर में भी मास्क पहनकर ही बैठना होगा. कोर्ट ने केंद्र सरकार को वायु प्रदूषण से निपटने की तरकीब निकालने को कहा. चीफ जस्टिस ने कहा अगर जरूरत पड़े तो दो दिन का लॉकडाउन या कुछ और कदम लीजिए. ऐसी स्थिति में आखिर लोग जिएंगे कैसे?
इस पर केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वायु प्रदूषण का पहला कारण पराली जलाया जाना है. एसजी ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए कुछ नियम होने चाहिए, जिससे राज्य सरकारें उन पर कार्रवाई कर सकें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘’सिर्फ पराली जलाने वाले किसानों को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते. 70 प्रतिशत प्रदूषण की वजह धूल, पटाखे, गाड़ियां आदि हैं, उस पर लगाम लगे.’’ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि पराली के अलावा 70-80 % प्रदूषण के लिए क्या किया जा रहा है. हमें बताइए कि 500 पार पहुंचा AQI कैसे कम होगा.
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘’छोटे बच्चों का स्कूल भी खुल गया है, उन्हें क्या-क्या झेलना पड़ रहा है.’’ चीफ जस्टिस रमना ने केंद्र से कहा कि कृपया आपातकालीन बैठक बुलाइए. तेज़ कदम उठाइए. हम चाहते हैं कि कुछ किया जाए जिससे 2-3 दिन में हालात सुधरें. यह ज्वलंत समस्या है और हमें मास्क पहनना पड़ रहा है.’’
अरविंद केजरीवाल ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आज शाम 5 बजे आपात बैठक बुलाई है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव बैठक में शामिल होंगे. इस दौरान प्रदूषण की समस्या से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर गहन चर्चा की जाएगी.