जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी एक बार फिर 90 के दशक की रणनीति अपनाते दिख रहे हैं। सुरक्षाबलों का सामना करने से खौफ खाने वाले आतंकवादियों ने निहत्थे आम लोगों को निशाना बनाना शुरू किया है। पिछले 5 दिनों में 7 नागरिकों की हत्या के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को घाटी के सुरक्षा हालात की समीक्षा की।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि एक घंटे तक चली बैठक के दौरान गृहमंत्री के सामने केंद्र शासित प्रदेश और सीमांत राज्य के सुरक्षा हालात को लेकर प्रजेंटेशन दिया गया। उन्हें सॉफ्ट टारगेट को निशाना बनाने की आतंकियों की नई रणनीति और सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बनाने को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई।
सूत्रों के मुताबिक, शाह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन हत्याओं में शामिल लोगों को दबोचा जाए और आगे इस तरह की घटनाएं होने से रोकी जाएं। इसके बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर अरविंद कुमार ने अलग से बैठक की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
श्रीगनर में गुरुवार को एक महिला प्रिंसिपल और एक टीचर को गवर्नमेंट स्कूल के अंदर नजदीक से गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। पिछले पांच दिनों में सात आम नागरिकों की हत्या की गई है। इनमें से चार अल्पसंख्यक समुदाय के हैं और 6 हत्याएं ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में हुईं हैं।