उत्तराखंड (Uttarakhand) के गढ़वाल से भाजपा के सांसद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने मुख्यमंत्री पद की सपथ ले ली है. वे उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बन गए हैं. उन्हें बुधवार को देहरादून में संपन्न हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता चुना गया.
राज्य का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वह मिलजुल कर और सबको साथ लेकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें जो दायित्व सौंपा गया है वह उसका निर्वहन पूरी निष्ठा से करेंगे. उन्होंने कहा, ‘पार्टी ने मुझे यह मौका दिया है और इसके लिए मैं पार्टी नेतृत्व का बहुत आभारी हूं.’
PM मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘वे अपने साथ विशाल प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव लाते हैं. मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगा.’
बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. त्रिवेंद्र सिंह रावत पिछले दिनों दिल्ली में बीजेपी आलाकमान के साथ मुलाकात करने आए थे, जिसके बाद यह अटकलें लग रही थीं कि राज्य में लीडरशिप बदलने वाली है. और फिर कल उन्होंने शाम को गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को मुख्यमंत्री बनाए जाने का भाजपा नेतृत्व को फैसला चौंकाने वाला रहा. मुख्यमंत्री पद की दौड़ में धन सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद अजय भट्ट और अनिल बलूनी के नामों की चर्चा थी.
रावत वर्ष 2012 से 2017 के बीच उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने विधानसभा में चौबट्टाखाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. राज्य के गठन के बाद वह यहां की पहली सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे.
दिलचस्प बात है कि 2017 में सतपाल महाराज को उनकी जगह पर टिकट दे दिया गया था और तब उनके निराश होने की भी खबरें थीं। हालांकि पार्टी के मजबूत सिपाही कहे जाने वाले तीरथ सिंह रावत ने इसे चुपचाप स्वीकार कर लिया था और 2019 में पार्टी ने पौड़ी-गढ़वाल लोकसभा सीट से उन्हें टिकट दिया था। उस वक्त दिग्गज नेता और पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी का टिकट काटकर उन्हें मौका दिया गया था। इसके बाद अब जबकि रमेश पोखरियाल निशंक और धन सिंह रावत जैसे दिग्गजों के नाम आगे चल रहे थे, तब तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाने का फैसला ले लिया गया।