भारतीय शटलर प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) ने टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में कमाल का प्रदर्शन करते हुए बैडमिंटन सिंगल्स एसएल-3 का गोल्ड मेडल जीत लिया. इस तरह भारत को इन खेलों में चौथा गोल्ड मेडल मिला. इसी इवेंट में भारत के ही मनोज सरकार (Manoj Sarkar) ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. इसके साथ ही टोक्यो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 17 हो गई है जो उसका अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
टोक्यो में खेले जा रहे पैरालंपिक खेलों में शनिवार का दिन भारत के लिए बेहद खास रहा. यहां भारत के मनीष नरवाल और सिंहराज ने शूटिंग के P4 मिक्सड 50 मीटर पिस्टल SH1 में क्रमश: गोल्ड और सिल्वर मेडल पर निशाना साधा.
दुनिया के नंबर-1 पैरा-शटलर प्रमोद भगत ने फाइनल में ब्रिटेन के डैनियन बेथेल को सीधे गेमों में 21-14, 21-17 से मात दी. उन्होंने इससे पहले केवल 36 मिनट तक चले सेमीफाइनल में जापान के डाइसुके फुजीहारा पर 21-11, 21-16 से जीत हासिल की थी.
प्रमोद भगत को 5 साल की उम्र में पोलियो हो गया था. उनकी गिनती आज के विश्व के सर्वश्रेष्ठ पैरा-शटलरों में की जाती है. उन्होंने अभी तक 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं, जिसमें चार विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक और 2018 एशियाई पैरा खेलों में एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक शामिल हैं.
भारत के पैरालंपिक में 17 मेडल
4 गोल्ड, 7 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज के साथ भारत (India) के खाते में अब कुल 17 मेडल आ चुके हैं, टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) के मेडल टैली में भारत 25वें नंबर पर पहुंच चुका है. जो इस गेम के इतिहास में इस मुल्क का बेस्ट प्रदर्शन है.