कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत टूलकिट तैयार करने के आरोप में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) बेंगलुरु से गिरफ्तार की गई, आज दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है। पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय ने दिशा रवि की जमानत याचिका मंजूर की। पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे एक लाख रुपए की निजी मुचलके पर जमानत दी है.
इससे पहले अदालत ने उनको 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा था। बाद में दिल्ली पुलिस ने अदालत से और रिमांड की अपील की थी, जिसमें अदालत ने उनको एक दिन की रिमांड और दी थी। उन पर आरोप है कि किसान आंदोलन में खालिस्तानी कनेक्शन में वो भी शामिल थीं।
जमानत पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा था कि दिशा रवि ने साक्ष्य नष्ट किए हैं. वहीं, दिशा रवि की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि अगर किसानों के आंदोलन का समर्थन करना देशद्रोह है, तो बेहतर है कि वह जेल में रहे.
दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि दिशा ने एक टूलकिट तैयार की थी, जिसे खालिस्तान की वकालत करने वालों के दिशा-निर्देश पर किया गया था. यह सब कुछ भारत की छवि को खराब करने के लिए किया गया है. खालिस्तान समर्थक इस आंदोलन को अपने हक में लाकर अपना झंडा मजबूत करना चाहते हैं. यह सिर्फ एक टूल किट नहीं, बल्कि भारत को बदनाम करने का एक मसौदा था.
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया था कि दिशा रवि को पता था कि अगर वह कानूनी उलझन में फंसी तो उसकी वाट्सएप चैट और ई-मेल गले की फांस बन सकते हैं इसलिए उसने सभी चैट और मेल डिलीट कर दिए. अगर दिशा ने कुछ गलत नहीं किया तो उसने अपना रास्ता साफ करने के लिए सक्ष्य नष्ट क्यों किए? यह उसे दोषी ठहराने के लिए काफी है. भारत की बदनामी में जुटे समूह का दिशा रवि एक प्रमुख हिस्सा है. दिशा रवि के वकील ने इन सभी आरोपों को नकराते हुए कहा था कि उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है कि वह प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का हिस्सा है.
क्या होता है टूलकिट
‘टूलकिट’ ऐसा दस्तावेज होता है, जिसमें किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए विस्तृत सुझाव दिए होते हैं. आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले लोगों को इसमें दिशा-निर्देश दिए जाते हैं. इसका उद्देश्य किसी खास वर्ग या लक्षित समूह को जमीनी स्तर पर गतिविधियों के लिए दिशानिर्देश देना होता है.