धर्मांतरण (Conversion) के मामले की जांच में लगी यूपी एटीएस (UP ATS) ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने हरियाणा के गुरुग्राम से मन्नू यादव, बीड महाराष्ट्र से इरफान शेख और नई दिल्ली से राहुल भोला को गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी मुख्य आरोपी मौलाना उमर गौतम और जहांगीर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद की गई है। बताया जा रहा है कि तीनों दबोचे गए आरोपी इनके ही गिरोह के हैं। कनेक्शन सामने आते ही पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने लिंक खंगालने शुरू कर दिए हैं।
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली और हरियाणा से गिरफ्तारियां हुई हैं. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कराने के लिए ये लोग पैसे का लालच देते थे, जिसकी फंडिंग विदेशों से होती थी.
उन्होंने आगे बताया कि अभी तक इस्लामिक दावा सेंटर के खाते में धर्मांतरण कराने के लिए एक करोड़ 70 लाख रुपये आ चुके हैं. यह पैसे 2010 से जून 2021 के बीच आए हैं. खातों में पैसा चेक और कैश के जरिए जमा कराया गया है. 2010 से 2021 तक ये पैसे दुबई, कतर और अबू धाबी से आए हैं, जिससे हवाला के भी सबूत मिलते हैं.
जांच के लिए इनका आठ महीने का डेटा खंगाला जा रहा है. इन धर्मगुरुओं की कॉल डिटेल, सोशल मीडिया एक्टिविटी और अन्य डेटा खंगाला जा रहा है. अलीगढ़, नोएडा, गाज़ियाबाद, बनारस,सहारनपुर में सत्यापन किया जा रहा है. 27 अन्य जिलों के एसपी को पत्र लिख कर सत्यापन कराने को कहा गया है.
धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार उमर गौतम और जहांगीर आलम से एटीएस की पूछताछ लगातार जारी है। देश भर के 24 राज्यों में उमर का नेटवर्क फैला होने का दावा किया जा रहा है। एटीएस इसकी तस्दीक कर रही है। साथ ही उमर द्वारा बताए गए पतों को खंगालने के लिए यूपी पुलिस संबंधित राज्य की पुलिस के साथ जानकारी साझा कर रही है।
इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में तह तक जाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी है उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई की जाए।