यूपी (UP) में इन दिनों लव जिहाद (Love Jihad) का जिक्र है। पिछले दिनों पुलिस के अलग-अलग धर्म की शादियां रुकवाने और धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आए। इनके खिलाफ यूपी विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 के तहत कार्रवाई की जा रही है। हालांकि इन सबके बीच सवाल यही है कि आखिर परिवार के बाहर अंतर्जातीय विवाह (Inter-Caste Marriage) या रिलेशनशिप के मुखबिर कौन हैं जो इन पर निगरानी रखने पर वाले गुटों तक जानकारी पहुंचाते हैं।
पिछले तीन सालों से अंतर्जातीय (अलग-अलग धर्म) कपल पर नजर करने वाले समूह ज्यादा ऐक्टिव हुए हैं। इन समूहों को उनके मुखबिरों से सूचना मिलती हैं जिनमें मकान मालिक से लेकर पड़ोसी, मंदिर मैनेजर, मैरेज रजिस्ट्रेशन ऑफिसर और यहां तक वकील भी शामिल हैं। इन गुटों ने बताया कि उनका सिस्टम दो स्तर पर काम करता है। पहला जब अलग-अलग धर्मों के दो लोग रिलेशनशिप में आते हैं और दूसरा जब दोनों शादी का निर्णय लेते हैं।
सबसे पहले, अंतर्जातीय जोड़े के करीबी फिर चाहे वह रिश्तेदार हों या उनके आस-पास रहने वाले लोग हों, उनके बारे में सूचना देते हैं। अलीगढ़ से पूर्व बीजेपी मेयर शकुंतला भारती बताती हैं, ‘लोग हमारे ऐसे पास आते हैं जैसे मरीज डॉक्टर के पास जाता है।’
हाल ही में अलीगढ़ में 18 साल की लड़की जब अपने मुस्लिम बॉयफ्रेंड से मिलने गई तो बीजेपी महिला मोर्चा की प्रतिनिधि ने उसे अपने समुदाय की इज्जत खराब करने के आरोप पर थप्पड़ मार दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था लेकिन हिंदु युवा वाहिनी के दबाव में मुस्लिम शख्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई।
इसके अलावा ये जोड़े जहां शादी करते हैं जैसे कोर्ट या फिर मंदिर वहां पर मौजूद मुखबिर भी जानकारी देते हैं। हिंदू युवा वाहिनी के मेरठ सर्कल के संयोजक संचिन मित्तल बताते हैं, ‘हम मंदिरों पर नजर रखते हैं जहां हिंदू लड़कियां मुस्लिम लड़कों के साथ शादी के लिए आती हैं। मंदिर मैनेजर हमें जानकारी देते हैं।’
बजरंग दल के अलीगढ़ संयोजक गौरव शर्मा और पश्चिमी यूपी के पूर्व संयोजक बलराज डुंगर कहते हैं बरेली वाले कपल के बारे में उनके मकानमालिक ने उन्हें सूचना दी थी। हर साल डुंगर और उनके साथी 20 से 30 अंतर्जातीय विवाह रुकवाते हैं।
स्पेशल मैरेज ऐक्ट 1954 के तहत, अंतर्जातीय विवाह के लिए 30 दिन पहले जिला मैजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है। अब यूपी (UP) में नए कानून के तहत दो महीने पहले से सूचना देना अनिवार्य कर दिया गया है। अलीगढ़ एसपी (क्राइम) अरविंद कुमार ने कहा, ‘जब हमें शिकायत मिलती है तो हम विक्टिम या उसके परिवार की तरफ से ऐक्शन लेते हैं।’