देश में बहुत जल्द 12 साल से ऊपर के बच्चों का टीकाकरण शुरू हो सकता है। बेंगलुरु बेस्ड फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए डीएनए वैक्सीन बनाई है।
कंपनी ने तीसरे फेज का ट्रायल पूरा कर लिया है और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मांगी है। अगर डीसीजीआई से इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो फिर देश में जारी टीकाकरण अभियान में जल्द ही यह वैक्सीन शामिल हो सकती है।
जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने भारत के टॉप दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के समक्ष आवेदन दिया है, जिसमें उसने अपनी डीएनए वैक्सीन Zycov-D के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी की मांग की है।
जायडस कैडिला की यह वैक्सीन 12 वर्ष की आयु और उससे ऊपर के लोगों के लिए है। कंपनी ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा प्रस्तुत किया है, जिसमें 28,000 से अधिक वॉलंटियरों ने भाग लिया था। रॉयटर्स की मानें तो अंतरिम डेटा में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों पर खड़ी उतरी है।
बता दें कि कोविड वर्किंग ग्रूप के प्रेसीडेंट डॉ. एनके अरोड़ा ने रविवार को बताया था कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए जाइडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन अगस्त तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। जायडस कैडिला दुनिया पहली डीएनए अधारित कोरोना वैक्सीन है।