बाइक-कार ही नहीं, ट्रकों पर भी हाथ साफ
मुंबई- लॉकडाउन के दौरान घरों में बंद रहने वालों वाहन चोरों ने अनलॉक प्रक्रिया शुरू होते ही अपने हाथों की सफाई दिखाना शुरू कर दिया है. अब उनके निशाने पर मोटरसाइकिल, रिक्शा, कार जैसे हल्के वाहनों से लेकर भारी ट्रक, टैंकर, ट्रेलर भी आ गए हैं. मुंबई में इन दिनों वाहन चोर सक्रिय हो गए हैं जो मौका मिलते ही रात के अंधेरे में वाहनों को गुम कर दे रहे हैं. मुंबई ट्रैफिक पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चार महीनों में वाहन चोरी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। लॉकडाउन के कारण अप्रैल और मई में सख्त सुरक्षा व्यवस्था ने वाहन चोरी के साथ अन्य अपराधों पर लगाम कसा था। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार शहर के सभी 94 थानों में अप्रैल में वाहन चोरी के 84 मामले और मई में 158 मामले दर्ज किए गए थे। जैसे ही लॉकडाउन में ढील दी गई वाहन चोर गिरोह सक्रिय हो गए। जून से सितंबर तक के चार महीनों में 1,019 वाहन चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें सितंबर में सबसे ज्यादा 293 वाहन चोरी हुए।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार वाहन चोर गिरोह संगठित रूप से पूरे राज्य में फैले हुए हैं। इसमें कई टाइप के गिरोह शामिल हैं. जैसे वाहन चोरों द्वारा इन वाहनों को शहर के बाहर स्थानों पर पहुंचाना, चोरी के वाहनों को ग्राहकों से बेचना, फर्जी कागजात बनाना आदि शामिल हैं। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं वाले मुट्ठी भर वाहन सड़कों पर दौड़ रहे थे। बाकी वाहनो को खड़ा कर दिया गया था। मुंबई में पार्किंग एक बड़ी समस्या है इसलिए ज्यादातर वाहन आवास परिसर के बाहर सड़क के किनारे पार्क किए जाते हैं। इन वाहनों को आसानी से शिकार बनाया जा सकता था लेकिन चोरी किए गए वाहनों को छिपाना या शहर और राज्य से बाहर ले जाना अधिक खतरनाक था। क्योंकि इस दौरान शहर में पुलिस की गश्त तेज थी, हर जिले के प्रवेश द्वार पर पुलिस चौकियों की स्थापना की गई थी, सड़क पर कम वाहन और अधिक पुलिस मौजूद होने के चलते वाहन चोरों के लिए पकड़े जाने का खतरा अधिक था इसलिए शांत रहे. लेकिन जैसे ही अनलॉक बदले वाहन चोरों का अंदाज भी बदल गया.
पुलिस का सुझाव
पुलिस के अनुसार वाहन सुरक्षा के दृष्टिकोण से मालिक को उचित सावधानी बरतनी चाहिए। संभव हो तो वाहन में जीपीएस उपकरण स्थापित करें। वाहनों को सुरक्षित स्थान पर खड़ा किया जाना चाहिए।कई दिनों से खड़े वाहनों पर नजर रखना चाहिए।