प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को देश को संबोधित करते हुए 21 जून से देश के हर राज्य में 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए फ्री वैक्सीन के ऐलान के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने नई वैक्सीन गाइडलाइन (New Vaccine Guidelines) को मंजूरी दी है.
इसके तहत 21 जून से वैक्सीन का कैसे वितरण होगा और किस राज्य को किस आधार पर कितनी वैक्सीन मिलेगी इसका ऐलान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन में कर दिया है.
-नई गाइडलाइन के मुताबिक प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगायी जाएगी. सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर, 45 से ऊपर की उम्र के लोग, दूसरी डोज जिन लोगों की लंबित हो, फिर आखिर में 18 से ऊपर की उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. हालांकि देश में अधिकतर हेल्थकेयर वर्करों का वैक्सीनेशन हो चुका है. बावजूद इसके अभी भी जो कोई बाकी है या रह गए हैं, उन्हें वैक्सीन पहले देनी होगी.
-केन्द्र सरकार की नई गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि वैक्सीन के वितरण कैसे हो. इसके लिए स्थानीय राज्य सरकारों को स्वतंत्रता दी गयी है. किसे पहले वैक्सीन लगवाना है, इसे लेकर राज्य सरकार अपनी प्राथमिकता तय कर सकती है. यदि राज्य सरकार को लगता है कि पहले 45 प्लस को वैक्सीन देना ज्यादा जरुरी है तो पहले उन्हें वैक्सीन मुहैया कर सकती हैं.
-नई गाइडलाइंस के तहत केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले टीकों की अडवांस में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद राज्यों को जिला प्रशासन को यह जानकारी देनी होगी। यही नहीं किस जिले के लिए कितने टीके आवंटित हुए हैं, इसका ब्योरा भी देना होगा। सरकार ने कहा है कि जिला प्रशासन को टीकों की उपलब्धता के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचानी होगी।
-नई गाइडलाइंस के मुताबिक राज्यों को उनकी आबादी, कोरोना संक्रमण के प्रसार और वैक्सीनेशन की गति के हिसाब से टीके आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि टीकों की बर्बादी यदि होती है तो वैक्सीन के आवंटन में उसका पड़ सकता है।
-नई गाइडलाइन के अनुसार, केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से 75 प्रतिशत वैक्सीन खरीद कर राज्यों को ‘मुफ्त’ में देगी. केंद्र से मिली वैक्सीन को राज्य सरकारें हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 साल से ज्यादा उम्र और 18 साल से ऊपर के लोगों को सरकारी सेंटर्स पर मुफ्त में वैक्सीन लगाएंगी.
-वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियां जितनी वैक्सीन बनाएंगी उसकी 25 प्रतिशत वैक्सीन वह प्राइवेट अस्पतालों को देने के लिए स्वतंत्र है. प्राइवेट अस्पताल इस बारे में सीधे वैक्सीन कम्पनी से बात करेंगे और वैक्सीन उत्पादक कम्पनी राज्य में स्थित अस्पताल की स्थिति को देखते हुए वैक्सीन मुहैया कराएंगी. प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन के दाम से ऊपर प्रति डोज 150 रु से अधिक सर्विस चार्ज नहीं लेंगे, राज्य सरकारें इसकी निगरानी करेंगी.
-सरकारी और प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर लोगों की सुविधा के लिए उन्हें ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन (Registration for Corona Vaccine) की भी सुविधा दे सकेंगे, लेकिन इसकी विस्तृत प्रक्रिया राज्य सरकारें तय करेंगी. ये नई गाइडलाइंस 21 जून से लागू होंगी