नालासोपारा:- चाइल्ड एंड एजुकेशन फाउंडेशन के बैनरतले स्वतंत्रता दिवस के दिन स्कूल फीस वसूली के खिलाफ नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. नाटक के माध्यम से दर्शाया गया कि इस क्षेत्र के निजी विद्यालय ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर जबरन धनउगाही कर रहें हैं, साथ ही उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहें है. नाटक में बड़ी संख्या में शामिल स्कूली छात्र एवं अभिभावक हाथों में “नो स्कूल, नो फिस” जैसे विभिन्न स्लोगन लिखी तख्तियां हाथों में लेकर विरोध जताते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. यह अनोखा प्रदर्शन नालासोपारा पूर्व के अचोले क्षेत्र में शनिवार की सुबह 10 बजे किया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व फाउंडेशन के सदस्य हैप्पी सिंह ने नेतृत्व में किया गया.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोरोना के चलते शुरू हुए लॉकडाउन के साथ ही सभी स्कूल कॉलेजों को सरकार द्वारा बन्द रखने का निर्देश दिया है. ऐसे में निजी विद्यालय द्वारा ऑन लाईन शिक्षा के नामपर लोगों को मूर्ख बना रही है, और बच्चों के अभिभावकों पर जबरन फीस भरने का दबाव बना रही है, जो गलत हैं. वो भी ऐसे वक्त में जब लोगों के पास अपने बच्चों का पेट भरने के लिए पैसे नहीं है तो वह फीस कहा से भर सकते है. विरोध स्वरूप नाटक को सफल बनाने में शुशील तिवारी, अक्षय, पार्थ, नीलेश जैन, आदेश भंसोले, संदीप भंसोले आदि ने अपना योगदान दिया. उन्होंने मांग की है कि जबरन फीस वसूली करने वाले विद्यालयों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
जबकि पिछले वर्ष शिक्षा विभाग की ओर से वसई तालुका के 200 विद्यालयों को अवैध घोषित करते हुए उनकी सूची जारी की गई थी. जिसमें अधिकतर विद्यालय बन्द हो चुके है, और कुछ ने अधिकारियों से मिलीभगत कर अपने विद्यालय की मान्यता प्राप्त कर ली है.
गटशिक्षा अधिकारी वसई माधवी तांडेल ने कहा कि फीस न भरने की स्थिति में किसी विद्यालय द्वारा छात्र को निकाला नहीं जा सकता, क्योंकि शिक्षा पर सभी का अधिकार है. यदि कोई विद्यालय यह कार्य करता है, तो उसकी जानकारी मिलने पर हम इसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. वैसे भी वर्तमान में मेरे पास 75 विद्यालयों की सूची है, जिनके खिलाफ आगामी 15 दिनों में कारवाई की जानी है.