अब डिग्री-डिप्लोमा के लिए कोई ‘समय सीमा’ नहीं
अगले साल से लागू होगा ‘रैंक-बैंक’ सिस्टम
मुंबई। देश की शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल बदलाव लाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। अब स्नातक के लिए तीन साल, स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए दो साल इंतजार करने की जरूरत नहीं है। अब विद्यार्थी विभिन्न विषयों के रैंक के अनुसार प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। रैंकिंग बैंक की अवधारणा को अगले साल से देश में लागू किया जाएगा। इसके चलते छात्र कम समय में शैक्षणिक वर्ष पूरा करने में सक्षम होंगे और उनकी प्रतिभा को भी गुंजाइश मिलेगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस नई शिक्षा पद्धति के लिए रैंकिंग बैंक की अवधारणा का मसौदा तैयार किया है। यूजीसी अगले साल से अवधारणा को लागू करने के लिए प्रयास कर रहा है। छात्रों को अब एक डिग्री प्राप्त करने के लिए दो-तीन साल के पाठ्यक्रम को पूरा करना होगा। छात्रों को अब निर्धारित समय सीमा के भीतर पाठ्यक्रम पूरा करने की रूपरेखा का पालन नहीं करना है। ग्रेडिंग प्रणाली के अनुसार छात्रों को अब विभिन्न चरणों में अकादमिक मान्यता प्राप्त करने की स्वतंत्रता होगी।