मुंबई में ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच आज तकरीबन दो साल बाद फिर से पहली से सातवीं तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खुल गए हैं। हालांकि, बृहन्मुंबई महानगर पालिक(BMC) ने बच्चों के स्कूल आने का फैसला वैकल्पिक रखा है यानी उन्हें स्कूल भेजने है या नहीं इसका अधिकार अभिभावकों को होगा। उनकी उपस्थिति अनिवार्य नहीं करते हुए स्कूलों को ऑनलाइन क्लास का भी विकल्प देने को कहा है.
राज्य में 4 अक्टूबर से 8वीं से 12वीं कक्षा की ऑफलाइन क्लास चल रही है। इसके बाद 1 दिसंबर से ग्रामीण क्षेत्रों में पहली से चौथी और शहरी क्षेत्र में पहली से सातवीं कक्षा तक की ऑफलाइन क्लास शुरू होने वाली थी, लेकिन ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह फैसला टाल दिया गया था। इसका कुछ पैरेंट्स संगठनों ने विरोध किया था। अब बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने प्राथमिक स्कूल दोबारा शुरू करने की अनुमति दे दी है.
बुधवार सुबह से ही मुंबई के लगभग सभी स्कूलों में स्टूडेंट्स की भारी भीड़ नजर आई। बच्चे स्कूल में मास्क, टेम्परेचर स्क्रीनिंग और हाथ सैनिटाइज़्ड करके प्रवेश कर रहे थे। तकरीबन दो साल बाद स्कूल पहुंच बच्चे बहुत खुश नजर आए।
बीएमसी के शिक्षा अधिकारी राजू तडवी ने बताया कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए स्कूल प्रशासन को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने और कर्मचारियों के लिए टीके की दोनों खुराक लेना अनिवार्य किया गया है। स्कूलों में प्रवेश से पहले स्टाफ को आरटी-पीसीआर रिपोर्ट जमा करवानी होगी। स्कूलों में किसी भी प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।
SOP को करना पड़ेगा फॉलो
– स्टूडेंट्स, टीचर्स, स्कूल स्टाफ के लिए मास्क अनिवार्य होगा।
– प्राथमिक स्कूलों में 3-4 घंटे से अधिक ऑफलाइन क्लास नहीं चलेंगी।
– पेन, पेंसिल, रवर और अन्य सामान विद्यार्थी आपस में शेयर नहीं करेंगे।
– एक बेंच पर एक विद्यार्थी और पूरी क्लास में 15 से 20 विद्यार्थियों को बैठने की अनुमति दी गई है।
– स्कूल अपने करीबी के आरोग्य केंद्र या हॉस्पिटल के संपर्क में रहेंगे।
– किसी विद्यार्थी में संक्रमण के लक्षण नजर आने पर उसे तत्काल घर भेजकर उपचार करवाया जाएगा।
– किसी विद्यार्थी, शिक्षक या कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने पर स्कूल बंद कर दिया जाएगा।
– पैरेंट्स को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
– किसी भी क्लास में एसी का इस्तेमाल नहीं होगा।
– क्लास के खिड़की दरवाजे खुले रखने होंगे।
– छात्रों और टीचर्स को सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रखना जरुरी होगा।
-अधिक बच्चे होने पर दो या अधिक सत्र में क्लास चलेंगी।