बॉलीवुड एक्ट्रेस आशा पारेख को इस साल 68वें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। अब हाल ही में आशा ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बारे में बात की और खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें ये अवॉर्ड पाकर बहुत अच्छा लग रहा है।
आशा कहती हैं, ‘ये अवॉर्ड मेरे बर्थडे के दो दिन पहले मिला है। ये 80 साल में अब तक का सबसे बेहतरीन गिफ्ट है। ये अवॉर्ड पा कर बहुत अच्छा लग रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे मेरी सारी तमन्नाएं पूरी हो गई हों। शुरुआत में जब मुझे पता चला कि मुझे ये अवॉर्ड मिल रहा है, तब मुझे यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन अब वाकई में लग रहा है कि मुझे ये अवॉर्ड मिला है।’बता दें कि आशा पारेख ने कई हिट फिल्में देने के अलावा सेंसर बोर्ड अध्यक्ष की भी कमान संभाली थी। वह पहली महिला थीं जिन्हें सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष 1998 से 2001 के बीच नियुक्त किया गया था। इतना ही नहीं उन्हें सिंटा सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स असोसिएशन का प्रेजीडेंट भी बनाया गया था।नेशनल फिल्म अवॉर्ड में सूर्या की फिल्म ‘सोरारई पोटारू’ को बेस्ट फिल्म, हिंदी मूवी ‘तान्हाजी’ के लिए अजय देवगन को बेस्ट एक्टर, फीचर फिल्म कैटगरी में सूर्या को बेस्ट एक्टर, ‘तान्हाजी को बेस्ट पॉप्युलर फिल्म, फिल्म ‘साइना’ के लिए मनोज मुंतशिर को बेस्ट लिरिसिस्ट समेत अन्य को नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
आशा की बात करें तो उनका जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने महज 10 साल की उम्र में एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। आशा ने बॉलीवुड की करीब 95 फिल्मों में काम किया है। वो आखिरी बार साल 1999 में आई फिल्म ‘सर आंखों पर’ में नजर आई थीं। आशा को 11 बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं 1992 में उन्हें भारत सरकार की ओर से देश के प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था।आशा वर्तमान में डांस एकेडमी ‘कारा भवन’ चला रही हैं। इसके अलावा, सांता क्रूज, मुंबई में उनका हॉस्पिटल ‘बीसीजे हॉस्पिटल एंड आशा पारेख रिसर्च सेंटर’ भी चल रहा है।