फिल्ममेकर आयशा सुल्ताना (Aisha Sultana) की अग्रिम जमानत अर्जी पर केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने उनको एक हफ्ते की अग्रिम जमानत दे दी है. इसी के साथ आयशा को सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होना होगा।
इससे पहले लक्षद्वीप प्रशासन ने आयशा सुल्ताना की ओर से दाखिल की गई इस अग्रिम जमानत का विरोध किया था. पुलिस ने आयशा पर राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया है. प्रशासन ने कहा है कि आयशा सुल्ताना की इस याचिका पर विचार नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने इसके लिए कोई सटीक कारण नहीं बताया है. आयशा ने अपने खिलाफ राजद्रोह के मामले में अग्रिम जमानत के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
दरअसल हाईकोर्ट ने मंगलवार को आयशा सुल्ताना की अग्रिम जमानत अर्जी के मामले में लक्षद्वीप पुलिस की राय पूछी थी. अदालत ने याचिका पर विचार करने के बाद लक्षद्वीप पुलिस को उसकी राय बताने का निर्देश दिया और मामले में आगे विचार गुरुवार को करना तय किया.
आयशा ने अपनी अर्जी में दलील दी थी कि उन्हें पूछताछ के लिए 20 जून को कवरत्ती, लक्षद्वीप में पुलिस मुख्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि उनके कवरत्ती पहुंचने पर गिरफ्तार किये जाने की आशंका है.
क्या है मामला
दरअसल, पिछले दिनों एक टीवी चैनल डिबेट के दौरान फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना ने कहा कि लक्षद्वीप में अभी तक कोरोना का एक भी केस नहीं था, लेकिन अब हर रोज 100 मामले सामने आ रहे हैं। मैं स्पष्ट तौर पर कह सकती हूं कि केंद्र सरकार ने बायो वेपन के तौर पर प्रशासक प्रफुल्ल पटेल की तैनाती की है। वह यहां पर अलोकतांत्रिक, जनविरोधी नीतियों को लागू कर रहे हैं, जिससे कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आयशा सुल्ताना के बयान के बाद भाजपा ने इसकी कड़ी आलोचना की और उसके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया।