मुम्बई। पहले भी कई फिल्म आयी है जिसमें मासिक-धर्म का विषय रहा है, लेकिन अक्सर उन फिल्मों में सिर्फ शर्म की भावनायेें पायी जाती है। शॉर्ट फिल्म ‘महिना’ उस क्रूरता की पड़ताल करता है जो अभी भी मौजूद है। अशिक्षा के कारण दूर के क्षेत्रों के समाज में आज भी यह पाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं के प्रति क्रूरता कायम है। इस शॉर्ट फिल्म में अभिनेत्री अंजलि पांडे और अभिनेता करन मेहरा ने अभिनय किया है, जो शहर से गांव की यात्रा करने का फैसला करते हैं। उनकी यात्रा एक बुरे सपने में बदल जाती है जब वे पीरियड्स पर किसी महिला के प्रति बेतुके और राक्षसी कृत्य के जब गवाह बनते हैं।
“महिना” अंजलि की यात्रा के दिनों के अवलोकन का परिणाम है जहाँ पर उन्होंने काफी असहाय महसूस किया कि जब वह उन महिलाओं को नहीं बचाया जा सकता जो माहवारी के प्रति बेदर्दी को उजागर करती हैं।
माहवारी को लेकर समाज जिस तरह से देखता है उसे बदलना होगा जिसके परिणामस्वरूप शॉर्ट फिल्म “महिना” पेश की जा रही है।
अभिनेत्री अंजलि पांडे का यह कहना है कि लॉकडाउन ने मुझे खाली समय पर महत्वपूर्ण विषयों के बारे में सोचने पर मजबूर किया, जिन्हें बदलने की आवश्यकता है। मासिक धर्म निश्चित रूप से उनमें से एक है। मासिक धर्म के बारें में बातचीत आजकल सिनेमा फिल्मों के द्वारा किया जाने लगा है, जो धीरे धीरे इस विषय पर पुरानी सोच को किस तरह बदलना है उस पर जागरूकता पैदा किया जा रहा है। धीरे-धीरे चीजें बदल रही हैं। इस बदलाव में मेरा यह योगदान है कि चलो लड़े मासिक धर्म के लांछन को एक साथ मिटाएं।अभिनेता करन मेहरा कहते हैं, “मुझे अंजलि पर गर्व है कि उन्होंने ऐसे विषय पर फिल्म बनाने का सोचा, जिस पर हमारा ध्यान जाए और सामाजिक जागरूकता बढ़े। बहुत से लोग इस विषय के बारे में बात नहीं करते। “महिना” वास्तववादी फिल्म है जिसमें दिखाया गया है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के साथ कैसा दुर्व्यवहार किया जाता है।
गार्डियन एंगल्स एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत ‘महीना’ की निर्मात्री अंजली पांडे, डीओपी और संपादक एलिज़ेर सरकार, संगीतकार हेमंत पंत और कार्यकारी निर्माता माधुरी पांडे हैं।
– संतोष साहू