नीति आयोगद्वारा दिए गए एक प्रस्ताव के बाद India Post देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक एसबीआई के बाद बन सकता है. इसके अलावा आयोग ने तीन सरकारी बैंकों को निजी हाथों में बेचने का भी प्रस्ताव दिया है. नीति आयोग ने देश में वित्तीय समावेशन की जरूरत महसूस करते हुए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय कर डाक बैंक बनाए जाने का सुझाव दिया है. आयोग ने सरकार से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय इंडिया पोस्ट में करने समेत कई प्रकार की सिफारिशें की हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय को दिए प्रेजेंटेशन में नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि देश में जो 1.5 लाख से ज्यादा डाकघर हैं, उन्हें प्रस्तावित डाक बैंक के लिए निर्गम केंद्र बना दिया जाए.थिंक टैंक नीति आयोग ने यह सुझाव भी दिया है कि बैंक लाइसेंस प्राप्त करने के नियमों को आसान बनाया जाए.
नीति आयोग ने पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्राइवेटाइजेशन का सुझाव दिया है.सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन से सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा बैंक यूनियंस भी विरोध प्रदर्शन कर सकती हैं. बैंकिंग सेक्टर में किया गया हालिया विलय 1 अप्रैल से ही प्रभावी हुआ है. मौजूदा समय में देश में 12 सरकारी बैंक हैं, जबकि 2017 में इनकी संख्या 27 थी.इन बैंकों के निजीकरण का सुझाव दिए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि इन बैंकों को लगातार घाटा हो रहा है. सरकार की इन बैंकों में हिस्सेदारी होने की वजह से इस घाटे का सीधा असर सरकार की आय पर पड़ रहा है. ऐसे में नीति आयोग ने इससे निपटने का रास्ता निकालते हुए इनके निजीकरण का सुझाव दिया है.