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ठाणे:-कोरोना काल के दौरान उपचार के बाद मनमनी बिल वसूल कर निजी अस्पतालों ने अपनी जेबें तो भर ली लेकिन वहीँ मनपा प्रशासन ऐसे अस्पतलों पर कोई कार्यवाही करती नजर नहीं आ रही है. मनपा के ऑडिट विभाग द्वारा हाल में ही जारी अस्पतालों द्वारा वसूली पर नजर दलए तो 10 जुलाई से 21 अगस्त तक इन तक़रीबन डेढ़ माह के अंतराल में पौने दो करोड़ से बी अधिक रूपए पर डाका डालने का मामला प्रक्साह में आया है. अब ऐसे निजी अस्पतालों के विरुद्ध कानूनन कार्रवाई की मांग मनसे के संदीप पाचंगे ने की है.
मार्च महीने में कोरोना संक्रमण का संक्रमण फैलने के बाद और फिर अप्रैल, मई और जून महीने में इसका फैलाव तेज था और इस दौरान जहाँ शहर के निजी अस्पतालों ने जमकर मरीजों से इलाज के नाम पर वसूली की तो वहीँ सरकार और प्रशासन भी कुछ भी कार्रवाई नहीं कर पाई. हलांकि जुलाई महीने में मनपा का आयुक्त का चार्ज लेने के बाद और राजनितिक दलों द्वारा ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग के मद्देनजर मनपा आयुक्त डॉ विपिन शर्मा ने मुख्या ऑडिटर किरण तायड़े के नेतृत्व में आठ टीम का गठन किया और 10 जुलाई से सभी निजी अस्पतालों की बिलों की जाँच शुरू हुई. इस जांच के दौरान पता चला कि कोरोना के उपचार के दरम्यान अस्पताल प्रशासन जिन पीपीई कीट का उपयोग करती है उसका तिगुना दाम मरीजों से वसूल रही थी.
इतना ही नहीं कई अस्पताल एक ही पीपीई कीट को अनेकों मरीजों की जाँच के उपयोग करती थी और प्रत्येक मरीज से अलग-अलग चार्ज लगा रही थी. ऐसे में निजी अस्पताल मरीजों से 50 से लाख और करीब 5 लाख तक का बिल वसूल चुके थे. इसी प्रकार का एक मामला ठाणे के अंबिका नगर स्थित स्वस्तिक अस्पातल में घटा था और इस अस्पताल के विरुद्ध महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के विभागअध्यक्ष संदीप पाचंगे ने आवाज उठाया. इस संदर्भ में मनपा प्रशासन और एफडीए विभाग के पास शिकायत किया था. साथ ही उन्होंमे उपायुक्त विश्वनाथ केलकर से मुलाकात किया था. इसके बाद केलकर और मुख्य ऑडिटर किरण तायड़े के नेतृत्व में आठ टीमों ने 10 जुलाई से 21 जुलाई तक करीब 21 अगस्त करीब पौने दो करोड़ रूपए की अधिक वसूली का मामला सामने आया है.
कुल बिल :- 4106
जांची गई बिलें :- 3347
आक्षेपार्ह बिलें (त्रुटि युक्त) :- 1362
अधिक वॉल की गई रकम :- 18239776
रीजों को अब तक वसपस की गई रकम :- 2668964
घोषणा के बाद मान्य की गई रकम :- 1527019
दंडात्मक कारवाई आवश्यक-संदीप पांचंगे
मनसे के विभागाध्यक्ष संदीप पांचंगे ने मांग किया है कि ऐसे निजी अस्पतालों और मेडिकल की दुकानों ने जो वसूली की है उसे मनपा प्रशासन को तत्काल वापस दिलाना चाहिए. साथ ही ऐसे अस्पतालों और मेडिकल दुकानों के विरुद्ध तत्काल दंडात्मक कार्रवाई किया जाना चाहिए. जिससे आगे इस प्रकार मरीजों से अधिक वसूली करते समय लाख बार अस्पताल प्रशासन सोचे.