विरार:- कोरोना मरीजों के शव की रैपिंग व उनके अंतिम संस्कार के लिए विजय नगर स्थित मनपा अस्पताल में डयूटी पर पांच सफाई कर्मचारी तैनात किया गया था, जिसमें एक कर्मचारी बगैर ड्यूटी किए तनख्वाह ले रहा है. अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा 14 जुलाई 2020 को ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारी की लिखित शिकायत मनपा आयुक्त से की थी, लेकिन अबतक उसपर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी.सूत्रों की माने तो अनुपस्थित कर्मचारी की नियुक्ति पहले प्रभाग समिति “एफ” में सफाई कर्मचारी के पद पर थी. लेकिन प्रभारी सहायक आयुक्त ने उसे अपने निजी स्वार्थवश अपने प्रभाग में रोकरखा है. जिसका लाभ अनुपस्थित कर्मचारी घर बैठे प्राप्त कर रहा है.
बतादें कि कोरोना महामारी के दौरान अपस्तालों में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए वसई विरार मनपा आयुक्त द्वारा बीते 11 जुलाई को अलग अलग प्रभाग के कुल पांच कर्मचारी की बदली करते हुए उन्हें तुलिंज के विजय नगर स्थित मनपा अस्पताल में शव की तैनात किया था. इसके लिए जारी आदेश में बताया गया था कि कर्मचारी तत्काल प्रभाव से अस्पताल का कार्यभार ग्रहण कर प्रशासनिक अधिकारी के मार्गदर्शन में 24/7 दिनों तक मरीजों के शव की रैपिंग व उनके अंतिम संस्कार का कार्य करेंगे. आदेश की अवहेलना करने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिसमें चार कर्मचारी तो अपनी ड्यूटी पर चले गए, लेकिन एक कर्मचारी आदेश का उलंघन करते हुए घर बैठे तनख्वाह प्राप्त कर रहा है.
:-इन कर्मचारियों की हुए थी तैनातीमनपा आयुक्त द्वारा प्रभाग “एफ” के प्रमोद जज्योंतर, सुभाष दुमडा व रणजीत, प्रभाग “जी” वालिव के राकेश अरविंद मोरे व प्रभाग समिति “ए” बॉलिंज से रमेश कृष्णा खांचे नामक सफाई कर्मचारी को विजय नगर स्थित मनपा अस्पताल में शव रैपिंग व अंतिम संस्कार के लिए तैनात किया गया था.
इस बाबत अस्पताल में ड्यूटी कर रहें कर्मचारी ने पूछे जाने पर बताया कि इस कार्य के लिए पांच कर्मचारियों कि रखा गया था. जिनमें दो को दिन पाली तथा दो को रात की ड्यूटी पर रखा गया था, जबकि पांचवा कर्मचारी प्रमोद जज्योठरड्यूटी पर उपस्थित हुआ ही नहीं, इस कारण हम लोगों को इस कार्य को करने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है.
वहीं सूत्रों की माने तो ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाला कर्मचारी प्रभाग क्षेत्र में बनने वाले अवैध चालियों की घरपट्टी लगवाने का भी कार्य करता है, जिसका लाभ सीधे तौर पर प्रभारी सहायक आयुक्त को मिलता है. उन्हीं का आशीर्वाद प्राप्त होने के कारण वह अपनी मनमानी तरीके से ड्यूटी करता है.