कांग्रेस के चार सासंदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विपक्षी सांसदों के मूल्य वृद्धि-महंगाई आदि मुद्दों को लेकर हंगामा न करने की चेतावनी दे रहे थे. इसके बावजूद सांसद मूल्य वृद्धि पर चर्चा कराने की मांग को लेकर तख्तियां लेकर डटे हुए थे. स्पीकर ने चेतावनी देने के बाद कांग्रेस के चार सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया.
लगातार हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कांग्रेस सांसदों मनिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, जोथिमणि और राम्या हरिदास का नाम लिया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चारों को शेष सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया. हंगामे के बीच सत्ता पक्ष ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित कर दिया. इसके बाद कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे राजेंद्र अग्रवाल ने उनके निलंबन की घोषणा की. बाद में उन्होंने पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
कांग्रेस सांसदों पर यह कार्रवाई नियम 374 के तहत की गई है. नियम में जिद्द और जानबूझकर सदन की कार्यवाही रोकना शामिल है. इसके अलावा इस नियम में स्पीकर के प्राधिकार की उपेक्षा करना और नियमों का दुरुपयोग भी शामिल है. इन सांसदों के खिलाफ पहले निलंबन प्रस्ताव दिया गया था जिसके बाद सर्वसम्मित ने सभी को निलंबित कर दिया गया है.
इससे पहले महंगाई, रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दों पर केंद्र से चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने सोमवार को सदन में नारेबाजी की और तख्तियां दिखाईं. इसपर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें फटकार लगाई और सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए कहा. ओम बिरला ने कहा, “ये लोकतंत्र का मंदिर है, सदन की गरिमा बनाए रखना सदस्यों की जिम्मेदारी है. सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है.”
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “अगर आप चर्चा करना चाहते हैं तो मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन अगर सदन में केवल तख्तियां दिखाना चाहते हैं तो दोपहर 3 बजे के बाद सदन के बाहर ऐसा कर सकते हैं. देश की जनता चाहती है कि सदन चले.” लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें चेतावनी दी कि सदन में तख्तियां लाने वाले किसी भी सांसद को कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने संसद के निचले सदन के अंदर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, जबकि विपक्षी सांसदों को महंगाई, एलपीजी कीमतों में वृद्धि और अन्य मुद्दों पर संदेशों के साथ तख्तियां पकड़े देखा गया. इसके बाद कांग्रेस के चार सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया.
डराने की कोशिश कर रही सरकार : कांग्रेस
सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस की ओर से भी बयान जारी किया गया. कांग्रेस ने कहा कि हमारे सांसदों को सस्पेंड कर सरकार हमें डराने की कोशिश कर रही है. वे उन मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे थे जो लोगों के लिए मायने रखते हैं.