महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे आज अपने अयोध्या दौरे के मद्देनजर यूपी के लखनऊ पहुंचें हैं. वे यहां से अयोध्या के निकले हैं. लखनऊ पहुंचें आदित्य ने पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि अयोध्या का दौरा राजनीतिक नहीं बल्कि धार्मिक है.
उन्होंने कहा कि अयोध्या भारत की आस्था से जुड़ी हुई है और हमारी भी यहीं आस्था है. आदित्य के दौरे से पहले ही यहां शिवसेना नेता संजय राउत तैयारी करने के लिए 13 जून को ही पहुंच गए थे. अखाड़ा परिषद के कई बार अध्यक्ष रहे हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास के आश्रम में राउत ने जाकर उनका आशीर्वाद भी लिया है.
संजय राउत ने बताया कि आदित्य ठाकरे का कार्यक्रम पूरी तरह से धार्मिक है. इसे राजनीति से ना जोड़ा जाए. साथ ही संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना का मानना है कि अयोध्या जाने से ऊर्जा मिलती है.
पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी भगवान राम का दर्शन करने अयोध्या आ चुके हैं. अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सपरिवार अयोध्या पहुंचे थे. जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे 2018 से तीन बार अयोध्या जा चुके हैं.
आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम अयोध्या आते रहते हैं और राम मंदिर के निर्माण के बाद हम यहां सिर्फ प्रार्थना करने आए हैं. उन्होंने कहा कि जब हम 2018 में पहली बार आए, तो हमने कहा था कि ‘पहले मंदिर, फिर सरकार’. यह भूमि राजनीतिक नहीं है, यह ‘राम राज्य’ की भूमि है. रामलला के दर्शन-पूजन और हनुमानगढ़ी में माथा टेकने के बाद आदित्य आज सरयू आरती में शामिल होंगे. फिर शाम में वह वापस मुंबई के लिए रवाना हो जाएंगे.
संत-महंतों ने जताया विरोध
ठाकरे के दौरे को लेकर अयोध्या के संत-महंतों ने विरोध जताया है. दरअसल उनके यहां आने का विरोध हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास और जगद्गुरु परमहंसाचार्य की तरफ से किया जा रहा है। दौरे को लेकर हो रहे विरोध पर भी आदित्य ने प्रतिक्रिया दिया है.
आदित्य ने कहा कि हम रामलला के दर्शन करने आए हैं. उत्तर प्रदेश में पहले से ही हमारा संगठन है. मुझे किसी के आरोप पर कोई जवाब नहीं देना. आदित्य के इस दौरे का साफ संकेत यही है कि वह बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व की विरासत को किसी भी कीमत पर अपने हाथ से नहीं जानें देना चाहती है.