मुंबई. कभी तबेले मुंबई शहर की विशेष पहचान हुआ करते थे, जिसके हजारों तबेलों में लाखों पशुओं से निकाले गए ताजा और शुद्ध दूध मुंबईकरों को स्वस्थ रखते थे। इसमें हजारों की संख्या में कम पढ़े लिखे लोगों को सीधा रोजगार भी मिलता था। उसके बाद दूध नीति के तहत गोरेगांव पूर्व में आरे मिल्क कॉलोनी की स्थापना कर उसका विकास किया गया। आज आरे कॉलोनी के अलावा अन्य तबेलों को शहर से लगभग 150 किमी दूर कामन में बसाने की योजना पर अमल किया जा रहा है।
विषम परिस्थितियों के बावजूद भी आरे कॉलोनी में दूध का व्यवसाय करने वाले लगभग 300 तबेले वालों (दूध उत्पादको) की समस्याओं को लेकर पूर्व मंत्री और महाराष्ट्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष मो. आरिफ (नसीम) खान के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने राज्य के दुग्ध व्यवसाय व पशु पालन विकास मंत्री सुनील केदार से मुलाकात की। जाधव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं पर चर्चा की गई। बैठक मे आरे मिल्क कॉलोनी में दुध व्यवसाय करने वाले तबेला मालिकों के सामने सन 2004 से आ रही समस्याओ के बारे चर्चा हुई। बैठक में लिए गए निर्णय से लगभग 300 दुध उत्पादको को फायदा मिलेगा. बैठक में पूर्व मंत्री और महाराष्ट्र कॉंग्रेस के उपाध्यक्ष मो आरिफ (नसीम) खान के साथ दुध व्यवसाय विकास विभाग के सचिव, दुध व्यवसाय आयुक्त, आरे के चीफ ऑफिसर के साथ उदय प्रताप सिंह, सी. के. सिंह, अब्बास पटेल आदि लोग उपस्थित थे.