जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ के एक दिन बाद रविवार को अधिकारियों ने सुरक्षाकर्मियों की पूरी तैनाती के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. इसके साथ-साथ मंदिर परिसर में किसी भी तरह की भीड़भाड़ को रोकने के लिए अब यात्रा की बुकिंग केवल ऑनलाइन ही की जा सकेगी.
रविवार को बुलाई गई बैठक में वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तरफ से ये फैसला लिया गया है. जिसके तहत अब श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा, क्योंकि पर्ची सिस्टम को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है.
श्री माता वैष्णो देवी भवन के पास भगदड़ से हुए हादसे के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में रविवार श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की बैठक में यह अहम फैसले लिए गए. राजभवन में हुई विशेष बैठक में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर विस्तृत चर्चा की गई.
साथी ही उन्होंने बताया कि पूरे रास्ते पर भीड़भाड़ कम करने, भीड़ और कतारों के प्रभावी प्रबंधन के लिए टेक्नोलॉजी के उचित इस्तेमाल, आरएफआईडी ट्रैकिंग करने समेत कई कदम उठाए गए हैं. मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार को तत्काल सभी फैसलों पर अमल के निर्देश दिए गए.
माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ (Vaishno Devi stampede) के एक दिन बाद रविवार को अधिकारियों ने सुरक्षाकर्मियों की पूरी तैनाती के साथ व्यवस्था कड़ी कर दी और मंदिर परिसर में किसी भी तरह की भीड़भाड़ को रोकने के लिए कई कदमों की घोषणा की. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा गठित एक उच्चाधिकार प्राप्त जांच समिति ने मौके का दौरा किया और आम जनता से घटना के बारे में वीडियो, बयान या कोई अन्य सबूत साझा करने की अपील की.
सिन्हा ने रविवार को यहां श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की. अधिकारियों ने बताया कि बैठक यहां राज भवन में हुई और इसमें श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. बैठक के बाद सिलसिलेवार ट्वीट में उप राज्यपाल ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई फैसले लिए गए.
उन्होंने कहा, ‘अहम जांच के बाद आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्थागत सुधारों, बुनियादी ढांचे का निर्माण शुरू करने, 100 प्रतिशत ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए निर्देश जारी किए गए. ’वर्ष 2021 में 55.77 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिए यहां आये जबकि कोरोना वायरस महामारी के कारण उसके पिछले वर्ष 17 लाख श्रद्धालु ही आये थे.
बता दें कि नये साल की भीड़ के दौरान तीर्थयात्रियों के दो ग्रुप के बीच झगड़े के बाद शुक्रवार देर रात हुई भगदड़ में 12 लोगों की जान चली गई थी और 16 अन्य घायल हो गए थे. कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोगों की भीड़ अधिक थी क्योंकि लोग दर्शन के बाद कटरा के आधार शिविर लौटने के बजाय मंदिर परिसर में ही रुके हुए थे. जम्मू से लगभग 50 किलोमीटर दूर रियासी जिले में त्रिकुट पहाड़ियों के ऊपर स्थित इस पवित्र मंदिर में यह पहली ऐसी घटना थी.