प्रयागराज में पहली बार सड़कों पर अलविदा जुमे की नमाज नहीं होगी. सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने का फैसला खुद प्रयागराज के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लिया है. इसके लिए जामा मस्जिद के शाही इमाम और शहर काजी की तरफ से मस्जिदों के संचालकों और मुतवल्लियों को एडवाइजरी जारी की गई है. लोगों से अपने घरों में या मस्जिदों में ही नमाज पढ़ने की अपील की गई है.
इसके अलावा मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज भी मानकों के अनुसार रखने की सलाह दी गई है. ये पहला मौका है जब मुस्लिम धर्मगुरु सामने आकर लोगों से सड़कों पर नमाज न पढ़ने की अपील कर रहे हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदेश दे चुके हैं कि सड़कों पर अलविदा जुमा और ईद की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी.
एडवाइजरी जारी
ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बताया कि इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें नमाजियों से मस्जिद के अंदर ही नमाज अदा करने की अपील की गई. ताकि नमाजियों की वजह से ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं न आएं. फिरंगी महली ने लोगों से ये भी अपील की है कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर की आवाज भी कम रहे.
वहीं, मस्जिद दारुल उलूम फरंगी महल के मौलाना सूफियान निजाम का कहना है कि लोग नमाज मस्जिद परिसर के अंदर पढ़ें न कि सड़क पर. लाउडस्पीकर्स की आवाज भी मानकों के अनुसार रखी जाए.
दूसरी ओर, एडीजी (सुरक्षा और कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार का कहना है कि शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते ही जुमे की नमाज को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा को लेकर कड़ी नजर रखी जा रही है.
सीएम योगी दिखा चुके हैं सख्त रुख
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि उनकी सरकार सभी धर्मों को समान सम्मान देती है, लेकिन अगर लोग दूसरों को परेशान करने के लिए अपनी आस्था का घिनौना प्रदर्शन करते हैं, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों ने हनुमान जयंती के अवसर पर सूबे के माहौल को प्रदूषित करने की कोशिश की थी. इसको देखते हुए सीएम ने अधिकारियों से 3 मई को ईद और अक्षय तृतीया एक साथ मनाए जाने की संभावना के लिए तैयार रहने को कहा है. खुले में नमाज न पढ़ने के आदेश के बाद सभी जिलों में मुस्लिम धर्मगुरुओं और पुलिस प्रशासन के बीच बैठक हुई है.