मकर संक्रांति के अवसर पर इस साल श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर सकेंगे. कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए सामुहिक गंगा स्नान पर पाबंदी लगा दी गई है. उम्मीद की जा रही है कि इस संबंध में जल्द ही कुछ और कड़े निर्णय लिए जा सकते हैं.
हरिद्वार में इस साल मकर सक्रांति के स्नान को जिला प्रशासन ने रद्द कर दिया गया है. हरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडेय ने लिखित आदेश जारी कर मकर सक्रांति स्नान रद्द करने का ऐलान किया. जिला प्रशासन ने यह फैसला बढ़ते हुए कोविड के मामलों के मद्देनजर लिया है.
जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने लिखित आदेश जारी कर बताया कि ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए 16 जनवरी तक सभी समस्त सार्वजनिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं. इसके मद्देनजर मकर सक्रांति का स्नान भी प्रतिबंधित किया गया है. बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. हरकी पौड़ी क्षेत्र में श्रद्धालु और स्थानीय लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा.
जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति इन आदेशों का उलंघन करता है तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम 1897 के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.
मकर संक्रांति को स्नान और दान का पर्व कहा जाता है. मकर संक्रांति यानी खिचड़ी का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. बता दें कि मकर संक्रांति पर हर बार बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान करने जाते हैं.
देश सहित उत्तर प्रदेश में भी बीते कुछ दिनों में कोरोना के मामलों की बढ़ोत्तरी चिंता का विषय बन चुकी है. एक्सपट्र्स की ओर से आशंका जताई जा रही है कि में जल्द ही देश में कोरोना के मामले पीक पर होंगे. इसी बीच गंगा स्नान को लेकर यह बड़ा फैसला किया गया है. कोरोना की महामारी को इस बार संक्रमण से पहले ही रोकने के लिए इस तरह के कद कदमों को उठाया जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि गंगा स्नान के दिन घाट के पास पुलिस की भी तैनाती रहेगी ताकि कोई इस पाबंदी को तोड़ न सके.