विरार:- वसईकरों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराने वाली भगीरथी ट्रांसपोर्ट कंपनी का ठेका मनपा प्रशासन ने रद्दकर दिया है. इसके कारण परिवहन सेवा ठप्प हो गई है. मनपा परिवहन सेवा बंद हो जाने से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडॉउन के आरंभ से सभी व्यापार व निजी कार्यालयों को बन्द रखा गया था, जिसे सरकार ने कुछ नियमों के साथ पुनः शुरू करने की अनुमति दी है. ताकि लोगों को आर्थिक संकट से कुछ निजात मिले. जिससे लोगों ने कुछ राहत की सांस ली थी, लेकिन अब मनपा द्वारा संचालित शहरी परिवहन सेवा प्रदाता ठेकेदार कम्पनी का ठेका रद्द कर दिए जाने से यह सेवा बन्द हो गई, जिससे लोगों की मुश्किलें फिर से बढ़ गई है. क्योंकि मुंबई कि लाईफलाईन लोकल ट्रेन सेवा पहले से ही आमजनों के लिए प्रतिबंधित है. ऐसे में लोगों के पास परिवहन के लिए एकमात्र साधन मनपा की परिवहन सेवा की 160 बसें थी, जो ठेका रद्द होने के बाद बंद हो गई है. मनपा प्रशासन द्वारा इस ठेके दूसरे ठेकेदार को देने का निर्णय लिया है, जिसका टेंडर निकाला गया है, लेकिन अबतक इसके लिए कोई सामने उपस्थित नहीं हुआ.
बता दें कि वसई विरार मनपा की परिवहन सेवा के माध्यम से कुल 160 बसों का संचालन होता था, जिसमें 30 बस मनपा की थी, जबकि शेष बसे भागीरथी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिकाना हक की थी. जिसके सहारे लोगों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराई जाती थी. इस बीच मनपा परिवहन सेवा का संचालन ठेकेदार द्वारा मनमाने ढंग से चलाए जाने कारण कईबार विपक्षियों द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप सत्ताधारी पक्ष पर लगाया जा चुका है, जिसको लेकर कई बार विवाद भी सामने आते रहे है, बल्कि इसी वर्ष के आरम्भ में भी ठेका पर काम करने वाले कर्मचारियों को तनख्वाह न मिलने पर विवाद हुआ था, जो बढ़ते हुए आंदोलन का रूप के चुका था, तीन दिनों तक कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण यह परिवहन सेवा पूरी तरह बन्द पड़ गया था. लेकिन बाद में मामले को किसी प्रकार सुलझा लिया गया था. जबकि वर्तमान में उठे विवाद के कारण भागीरथी कम्पनी का ठेका मनपा प्रशासन की ओर से रद्द कर दिया गया है. जिसके कारण इस परिवहन सेवा पर फिर से ग्रहण लग गया है.
लॉकडॉउन के शुरू से ही यह परिवहन सेवा पूरी तरह बन्द था, 5 सितंबर से मनपा को वसई स्टेशन से वसई तहसीलदार के कार्यालय, वसई स्टेशन से वसई फाटा, वसई स्टेशन से सातिवली फाटा, नालासोपारा स्टेशन से नालासोपारा फाटा, विरार पूर्व से विरार फाटा तक 50% यात्रियों के साथ बस सेवा शुरू करने का आदेश दिया था. लेकिन ट्रांसपोर्ट कम्पनी ने घाटे का हवाला देते हुए बस सेवा शुरू करने से इंकार कर दिया. ठेकदारों का कहना है कि परिवहन सेवा बन्द होने के कारण राजस्व का नुकसान पहले है हो चुका है. डीजल के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है, मनपा ने भी वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त बस सेवा का पास दिया गया है, जिनकी यात्रा से कोई भाडा नहीं मिलना है. ऐसे में आधे सवारी के साथ बसों का संचालन कैसे संभव है. कम्पनी के मालिक मनोहर सकपाल ने एक वीडियो में कहा है कि मेरे पास बसों को चलाने की छमता नहीं है, मनपा को अनुदान देकर हमें फिर से उठाने का प्रयास करें. जिसके कारण आयुक्त ने आदेशों कि अवहेलना मानते हुए कम्पनी को बाहर का रास्ता दिखाते हुए ठेके को रद्दकर करते हुए मनपा की ओर से टेंडर निकाला गया है, लेकिन घाटे में चल रही परिवहन सेवा का ठेका लेने के लिए अबतक कोई ठेकेदार सामने नहीं आया है.
वसई विरार आयुक्त गंगाधरन डी ने कहा कि परिवहन सेवा का संचालन न होने के कारण शहर में यात्रियों को असुविधा हो रही है. ठेकेदार ने आदेश के बाद भी सेवा शुरू नहीं किया. इसलिए हमने ठेकेदार को बदलने का निर्णय लिया है. ठेकेदार द्वारा किए गए समझौते के अनुसार कार्रवाई करने और मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. जल्द ही नया ठेकेदार नियुक्त किया जाएगा. परिवहन ठेकेदार मनोहर सकपाल ने कहा कि सरकार के निर्णय अनुसार 50 प्रतिशत का नुकसान होना है, इसके लिए मनपा हमें अनुदान दें. अन्यथा परिवहन सेवा शुरू करना आर्थिक रूप से सम्भव नहीं है.परिवहन प्रभारी सहायक आयुक्त विश्वनाथ तालेकर ने कहा कि नए ठेकेदार को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हुई है. पुराने ठेके के अनुसार एक नया ठेकेदार जल्द ही नियुक्त किया जाएगा.