कश्मीर में बीते 24 घंटे में दो आतंकी हमलों के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। टेरर लिंक के आरोपों में तीन सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। कश्मीर यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री के प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित, स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के अध्यापक मोहम्मद मकबूल हजाम और पुलिस के सिपाही गुलाम रसूल को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि इन सभी लोगों को आतंकियों से सांठगांठ होने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। जल्द ही तीनों से पूछताछ भी हो सकती है। इससे पहले भी टेरर लिंक के आरोप में कई कर्मचारियों को हटाया गया था।
कश्मीर घाटी में बीते 24 घंटों में ही दो आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें से एक में तहसीलदार कार्यालय में काम करने वाले कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की मौत हो गई। इसके अलावा एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर की भी हत्या हुई है। राहुल भट्ट के सरेआम दफ्तर में घुसकर मर्डर के बाद से कश्मीरी पंडितों में गुस्सा है।
शुक्रवार को सुबह राहुल भट्ट अमर रहेें के नारों के साथ मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। यही नहीं रात भर इस घटना के खिलाफ आंदोलन जारी रहा और लोग सड़कों पर उतर आए। कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।
दहशतगर्दों के करीबी पाए गए कर्मी बर्खास्त किए गए
इससे पहले 31 मार्च को उप राज्यपाल प्रशासन ने दो पुलिस कांस्टेबल, शिक्षक समेत और पांच सरकारी मुलाजिमों को बर्खास्त कर दिया था। आतंकियों और अलगाववादियों से गठजोड़ रखने वाले ये कर्मचारी जांच पड़ताल में न सिर्फ दहशतगर्दों के करीबी पाए गए, बल्कि आतंकी वारदातों को अंजाम देने से लेकर युवाओं को आतंक की राह पर धकेलने जैसी गतिविधियों में शामिल हैं।
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में पुलिस विभाग में कांस्टेबल तौसीफ मीर, कांस्टेबल शाहिद हुसैन राथर, शिक्षक अरशद अहमद, कंप्यूटर ऑपरेटर गुलाम पर्रे और अर्दली शराफत अली खान शामिल हैं।
संदिग्ध गतिविधियों में शामिल कर्मचारियों के चाल चलन की समीक्षा करने वाली कमेटी की सिफारिश पर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत इन्हें बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। दस जुलाई 2021 को अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों समेत 11 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। सभी कर्मचारी टेरर फंडिंग, अलगाववाद और आतंकियों को पनाह देने जैसी देशद्रोही गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे।