जयपुर, 17 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस ने अडाणी समूह से जुड़े मामले को मित्रवादी पूंजीवाद की मिसाल करार देते हुए संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी (JPC) की मांग की है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि एक फिल्म आई थी हम आपके हैं कौन ? लेकिन अब दूसरा पार्ट बना हुआ है। देश का हर व्यक्ति यही पूछ रहा है कि हमारा अडाणी से क्या रिश्ता है? सदन में इस मसले में सवाल पूछे तो कार्रवाई से अलग किया जा रहा है।
संसद में कांग्रेसी नेताओं ने इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की मांग की। मांग स्वीकार नहीं होने पर कांग्रेस पार्टी ने देश के तमाम राज्यों में प्रेसवार्ता कर इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। इसी कड़ी में जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि दुनिया के अमीरों की सूची में 609वें स्थान पर रहने वाले आखिर कैसे नंबर दो पर आए गए और अन्य लोग जस के तस बने हुए है ? आखिर इसका फॉमूर्ला क्या है और यह फॉमूर्ला देश के अन्य लोगों को भी देना चाहिए जिससे वे भी तरक्की कर सके। केंद्र सरकार ने बिजली , पोर्ट, एयरपोर्ट और रक्षा सरीखे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी अदाणी की मोनोपॉली को बढ़ावा दिया है। इससे देश के एमएसएमई सेक्टर से जुड़े लोगों को भी नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस पार्टी ने संसद से लेकर सड़क तक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। संसद में कांग्रेसी नेताओं ने इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की मांग की है।
गौरव वल्लभ ने पीसीसी में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और कांग्रेस नेता आरसी चौधरी के साथ शुक्रवार को प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि एआईसीसी देशभर के राज्यों में इस मुद्दे को उठा रही है क्योंकि संसद में कांग्रेस सांसदों, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के सवालों का जवाब केंद्र सरकार नहीं दे रही है। कांग्रेस सांसदों के आरोपों को संसदीय कार्यवाही से हटा दिया जाता है। लेकिन इससे ये सवाल दबेंगे नहीं, हम जनता के बीच सवाल उठा रहे हैं।
गौरव वल्लभ ने कहा कि हम किसी व्यक्ति के दुनिया के अमीरों की सूची में 609 वें से दूसरे स्थान पर पहुंचने के ख़िलाफ़ नहीं हैं। लेकिन हम निस्संदेह सरकार की ओर से प्रायोजित निजी एकाधिकारों के ख़िलाफ़ हैं, क्योंकि वे जनता के हितों के खिलाफ होते हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने से क्यों डर रही है, जबकि संसद के दोनों सदनों में उसका अच्छा बहुमत है।