मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली सरकार के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन को कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्हें 30 मई को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले 9 जून को कोर्ट ने उन्हें 13 जून तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कस्टडी में भेज दिया था। यह समयसीमा आज खत्म होने से पहले उन्हें एक बार फिर राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था।
सत्येंद्र जैन ने राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत अर्जी भी दायर की है, जिस पर मंगलवार सुबह 11 बजे सुनवाई होगी। ईडी ने आवेदन में जैन की हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। ईडी ने जैन को 30 मई को Prevention of Money Laundering Act (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
बीते दिनों ED ने दावा किया था कि सत्येंद्र जैन और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ छापेमारी के दौरान एजेंसी को 2.82 करोड़ रुपए की नकद राशि और 1.80 किलोग्राम वजन के 133 सोने के सिक्के मिले हैं। ईडी ने कहा था कि जिन लोगों के खिलाफ छापेमारी की गई, उन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से मनी लॉन्ड्रिंग में मंत्री की सहायता की है।
9 जून को कोर्ट से बाहर निकलते समय सत्येंद्र जैन की तबीयत भी बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया था। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी सत्येंद्र जैन का लगातार बचाव कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा है कि उन्होंने खुद सारे कागजात देखे हैं और सत्येंद्र जैन निर्दोष हैं। केजरीवाल ने जैन को कट्टर ईमानदार बताया है।
यह है मामला
ED की जांच में सामने आया है कि सत्येंद्र जैन 2015-16 में कोलकाता की एक फर्म के साथ हवाला के जरिये लेनदेन किया था। जैन को 4.81 करोड़ की संपत्तियों को ED द्वारा कुर्क किए जाने के करीब 2 महीने बाद अरेस्ट किया गया। जांच एजेंसी ने CBI द्वारा दर्ज FIR के आधार पर एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। इसमे आरोप हैं कि जैन ने दिल्ली में कई मुखौटा कंपनियां बनाईं या खरीदीं और उनके माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को व्हाइट किया।