दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल के बीच चल रहा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। जुबानी जंग के साथ-साथ ये लड़ाई अदालत के दरवाजे तक पहुंच चुकी है। इस बीच इस कोर्ट से आम आदमी पार्टी को बड़ी झटका लगा है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से कथित रूप से अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्टों को हटाने के लिए कहा है, जिनमें दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. इसके तहत आप नेताओं को इससे जुड़े सभी ट्वीट, फेसबुक पोस्ट या फिर सोशल मीडिया पर किए गए अन्य सभी पोस्ट जो सक्सेना के खिलाफ लिखे या पोस्ट या फॉरवर्ड किए गए हैं, उन्हें हटाना होगा।
इससे पहले दिल्ली एलजी विनय सक्सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट से अपील की थी कि वह AAP नेताओं को भविष्य में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मानहानिकारक बयानबाजी से रोकने के लिए निर्देश पारित करे। इसके अलावा उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के पांच नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस भी दर्ज किया है। इसके तहत आप नेताओं से उन्होंने दो करोड़ रुपए हर्जाने की मांग भी की है।
दिल्ली एलजी की इस अपील पर मानहानि से जुड़े मामले में कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने आप नेताओं को एलजी विनय सक्सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर अमर्यादित पोस्ट हटाने का आदेश दिया है।
आप नेताओं ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
दरअसल ‘आप’ और इसके नेताओं ने उपराज्यपाल पर 1,400 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। न्यायमूर्ति अमित बंसल ने अंतरिम राहत देते हुए कहा, “मैं वादी के पक्ष में फैसला सुनाता हूं…।”
‘आप’ नेताओं ने आरोप लगाया था कि सक्सेना ने नवंबर 2016 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का अध्यक्ष रहते हुए चलन से बाहर हो चुकी मुद्रा हासिल करके उसे नयी मुद्रा में परिवर्तित कराया था। पार्टी ने आरोप लगाया था कि सक्सेना 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे।