श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सैकड़ों लोगों की भीड़ ने कोलंबो में राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के निवास में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें काबू में करने के लिए गोलियां चलाईं, जिसमें 10 लोग घायल हो गए।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हिंसक प्रदर्शन में घायल हुए सभी पुरुष हैं। इनमें ज्यादातर पत्रकार शामिल हैं। श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक हालातों का समाधान निकालने में विफल रही सरकार के खिलाफ लोगों ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया है। जहां प्रदर्शनकारी मिरिहाना में राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के बाहर पुलिस से भिड़ गए।
प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने श्रीलंकाई सेना की एक बस और एक जीप को आग के हवाले कर दिया। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस ने कोलंबो के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। इलाके के पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कोलंबो नार्थ, कोलंबो साउथ, कोलंबो सेंट्रल और नुगेगोडा पुलिस डिवीजन में तत्काल प्रभाव से अगली सूचना तक पुलिस कर्फ्यू लगाया गया है।”
श्रीलंका में ईंधन की भारी किल्लत हो गई है। पेट्रोल पंपों पर डीजल नहीं मिलने के कारण सार्वजनिक बसों व अन्य वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। देश के दो तिहाई बसों व वाहनों का संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जाता है। इनके संचालकों का कहना है कि आज से तो छुटपुट बसें भी नहीं चल सकेंगी।
13 घंटे बिजली कटौती
श्रीलंका में बिजली बचाने के लिए स्ट्रीट लाइट तक भी बंद रखी जा रही हैं। श्रीलंका की बिजली मंत्री पवित्रा वनियाराची ने गुरुवार को कहा कि स्टेट पावर मोनोपोली ने भी 13 घंटे बिजली कटौती लागू की है, क्योंकि उसके पास जनरेटर के लिए डीजल नहीं है। मंत्री ने कहा कि हमने अधिकारियों को बिजली बचाने में मदद करने के लिए देश भर में स्ट्रीट लाइट बंद करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि दशकों बाद देश में इस तरह की आर्थिक संकट पैदा हुई है, जिसके चलते यहां के प्रमुख मार्केट्स की बिजली कटौती का निराशाजनक फैसला लिया है।
पेट्रोल से महंगी शकर और दूध
श्रीलंका में महंगाई व आवश्यक वस्तुओं की किल्लत के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। एक लीटर पेट्रोल की कीमत 254 रुपये है, जबकि एक लीटर दूध 263 रुपये में बिक रहा है। लोगों को एक ब्रेड का पैकेट भी 0.75 डॉलर (150) रुपये में खरीदना पड़ रहा है। यहीं नहीं एक किलोग्राम चावल और शकर की कीमत 290 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।
खाने-पीने को मोहताज देशवासी
चीन सहित कई देशों के कर्ज तले दबे श्रीलंका का जनवरी में विदशी मुद्रा भंडार 70 फीसदी से ज्यादा घटकर 2.36 अरब डॉलर रह गया था, जिसमें लगातार गिरावट आती जा रही है। विदेशी मुद्रा की कमी के चलते ही देश में ज्यादातर जरूरी सामानों दवा, पेट्रोल-डीजल का विदेशों से आयात नहीं हो पा रहा है।