देश में बीते कुछ दिनों से फ्लाइट में यूरीनेट का मामला सुर्खियों में है. इसी बीच गोफर्स्ट एयरलाइन्स की बड़ी गलती सामने आई है. गोफर्स्ट की फ्लाइट 50 से अधिक यात्रियों को छोड़कर उड़ान भर गई. इस मामले में DGCA ने Go First Airways को नोटिस जारी किया है. नियामक ने एयरलाइन से पूरे मामले पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है. डीजीसीए की तरफ से कहा गया है कि उसके तरफ से मामले को देखा जा रहा है.
बताते चलें कि कई यात्रियों के द्वारा ट्विटर पर इस मामले की शिकायत की गयी थी. गो फर्स्ट एयरलाइन, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को टैग करते हुए ट्विटर पर की गई शिकायतों के अनुसार, बेंगलुरु से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट G8 116 ने सुबह करीब 6.30 बजे उड़ान भरी, जिसने 55 से अधिक यात्री को छोड़ दिया. इन सभी ट्वीट का रिप्लाई करते हुए गो फर्स्ट एयरलाइंस ने कहा “हमें हुई असुविधा के लिए खेद है.”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह मामला सोमवार यानी बीते दिन 9 जनवरी सुबह लगभग 6.30 बजे का है. सिक्योरिटी चेक के बाद यात्रियों को फ्लाइट के पास ले जाने के लिए 4 बसों को भेजा गया था, जिसमें से पहली 2 बसे आगे निकल गईं थी. वहीं अन्य 2 बसों में बैठे यात्रियों को लिए बिना ही फ्लाइट उड़ गई. हालांकि गलती का पता चलते ही एयरलाइंस ने सभी पेसेंजर्स को 4 घंटे बाद दूसरी फ्लाइट से दिल्ली भेज दिया. 55 में से 53 यात्रियों को दिल्ली के लिए दूसरी एयरलाइन में स्थानांतरित कर दिया गया था. 2 यात्रियों ने इसके लिए रिफंड मांगा था जिसका भुगतान एयरलाइन द्वारा कर दिया गया था.
डीजीसीए ने गो फर्स्ट एयरलाइन के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उनके विनियामक दायित्वों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई क्यों न की जाए. उन्हें डीजीसीए को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है.
एयरलाइन ने मांगी माफी
डीजीसीए की रिपोर्ट के बाद गोफर्स्ट ने माफी मांगी है. इस असुविधा के बदले एयरलाइन कंपनी ने सभी प्रभावित यात्रियों को अगले 12 महीनों में किसी भी घरेलू क्षेत्र में यात्रा के लिए एक मुफ्त टिकट देने का फैसला किया है. इसके अलावा एयरलाइन ने घटना की जांच शुरू कर दी है. साथ ही मामले की जांच की जा रही है.