ठाणे-ठाणे मनपा द्वारा संचालित कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी अस्पताल के डॉक्टरों की तत्परता और कोशिश के चलते लगभग जीवन खो चुकी एक वर्ष के मासूम बालिका की जान हुए है. बालिका को बचाने में बालरोग विभाग प्रमुख प्रोफेसर डॉ. वंदना कुमावत, डॉ. शैलजा पोतदार, प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत जोशी, रेसिडेन्ट डॉ. पियुष व डॉ. नीरा की टीम की मेहनत रंग लायी. बालिका के जीवन पर से खतरा टलने के बाद उसके माता-पिता ने डॉक्टरों ,नर्स तथा अन्य कर्मचारियों का आभार प्रकट किया है. जबकि मनपा आयुक्त डॉ विपिन शर्मा ने डाक्टरों की इस उपलब्धि पर डाक्टरों सहित पुरे स्टॉफ का अभिनंदन किया है.
कलवा के वाघोबा नागर स्थित चाल में रहने वाले उमाशंकर यादव की बेटी दिव्या घर में खेल रही थी. खेलते खेलते वह अचानक पानी भरी बाल्टी में जा गिरी. बालिका को किसी ने देखा नहीं और नाक – मुंह में पानी भरने से वह बेहोश हो कर बाल्टी में काफी समय तक पडी थी. दिव्या की खोजबीन की गयी तो बाल्टी में बेहोश मिली. घबराये माता-पिता उसे तुरंत करीब के निजी अस्पताल में ले कर पहुचें. लेकिन अस्पताल ने बालिका को भर्ती करने से इंकार कर दिया. परेशान पिता बेहोश बालिका को छत्रपति शिवाजी अस्पताल ले कर पहुंचे.
अस्पताल में डाक्टरों ने जांच की तो बालिका का शरीर एकदम ठंढा पड़ चुका था, शरीर अकड़ गया था और उसका ब्लड प्रेशर भी काफी नीचे था. डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए बालिका को भर्ती किया और फेफड़े में भर गए पानी को निकाला, साथ ही उसे ऑक्सीजन लगाया. कुछ समय बाद धीरे-धीरे बालिका में हलचल शुरू हुई तो डॉक्टरों ने राहत की साँस ली. कुछ घंटे बाद बालिका की तबियत में काफी सुधार देखने को मिला. जिसके बाद बालिका के माता-पिता के चेहरे पर ख़ुशी दिखी. इस तरह अस्पताल के डॉक्टरों की तत्परता और प्रयास से बालिका को जीवन दान मिला.