प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान में दो दिवसीय ड्रोन महोत्सव 2022 का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ड्रोन प्रदर्शनी से प्रभावित हूं. 2030 तक भारत ड्रोन हब बनेगा. उन्होंने कहा, जिन-जिन स्टॉल में मैं आज गया, वहां सभी लोग बहुत गर्व से कहते थे कि ये मेक इन इंडिया हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उत्सव सिर्फ ड्रोन का नहीं, यह नए भारत-नई गवर्नेंस का उत्सव है. ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है. ये जो ऊर्जा नजर आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है.
पीएम ने कहा, यह ऊर्जा भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है. उन्होंने कहा, आठ वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी.
पीएम मोदी ने खेती के दौरान ड्रोन का क्या महत्व है, इसपर भी बात की और कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी कैसे एक बड़ी क्रांति का आधार बन रही है, इसका एक उदाहरण पीएम स्वामित्व योजना भी है. इस योजना के तहत पहली बार देश के गांवों की हर प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग की जा रही है, डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं.
भारत ड्रोन महोत्सव 2022′ के उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय तकनीक को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको गरीब विरोधी साबित करने की कोशिशें हुईं. इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा. इसका सबसे अधिक नुकसान गरीब, वंचितों, मिडिल क्लास को हुआ.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब केदारनाथ के पुनिर्माण का काम शुरू हुआ था, तो हर बार मेरे लिए वहां जाना संभव नहीं था. तो मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम का निरीक्षण करता था. आज सरकारी कामों की गुणवत्ता को देखना है तो यह ज़रूरी नहीं है कि मैं बता दूं कि मुझे वहां निरीक्षण करने के लिए जाना है. मैं ड्रोन भेज दूं तो जानकारी वे लेकर आ जाता है और उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि मैंने जानकारी ले ली है.
कुछ समय पहले तक ड्रोन के लिए पूरी तरह के आयात पर निर्भर भारत तेजी से इस मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही फरवरी में ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध का भी एलान कर दिया गया. अब केवल आरएंडडी, डिफेंस और सिक्योरिटी के लिए ही ड्रोन आयात की अनुमति है. इनके लिए भी क्लियरेंस जरूरी होगा. आयात पर प्रतिबंध के कदम से घरेलू ड्रोन निर्माताओं को लाभ होगा. ड्रोन के पुर्जो के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. सरकार ने ड्रोन उद्योग के लिए परचेज लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना भी शुरू की है, जिसे जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है.