भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नई गाइडलाइन जारी की है. इसके मुताबिक, रोड-शो और वाहन रैलियों पर अभी 11 फरवरी तक बैन जारी रहेगा. हालांकि, आयोग ने कोरोना के केस घटने के साथ ही कुछ छूट देनी भी शुरू कर दी हैं.
इसके साथ ही आयोग ने मतदान के पहले दो चरणों वाले निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम 1000 लोगों के साथ सार्वजनिक सभा करने की अनुमति प्रदान कर दी और घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने के लिए नियमों में भी ढील दे दी.
आयोग ने एक बयान में कहा कि घर-घर प्रचार अभियान (Door To Door Campaign) में सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर अब 10 व्यक्तियों की जगह 20 लोग शामिल हो सकेंगे, जबकि राजनीतिक दलों को अधिकतम 500 लोगों या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक इनडोर बैठकें आयोजित करने की छूट भी दी गई है. प्रचार के लिए वीडियो वैन को भी कोविड-19 प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर अनुमति दी गई है.
बता दें कि COVID-19 मामलों में वृद्धि के बीच, चुनाव आयोग ने 22 जनवरी को फिजिकल रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया था. पिछली बैठक में पहले-दूसरे चरण के लिए रैली की इजाजत मिली थी. आयोग ने 22 जनवरी को राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फिजिकल जनसभाओं के लिए 28 जनवरी से अनुमति दी थी और चरण 2 के लिए 1 फरवरी से छूट दी थी। इसके मुताबिक अब 500 की जगह 1000 लोगों की सभा की इजाजत होगी.
1. आयोग ने फैसला किया है कि एक फरवरी से राजनीतिक दल या चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवार तय खुली जगहों पर एक हजार लोगों या जगह की क्षमता से 50 फीसदी लोगों को जुटाकर (जो भी कम हो) सार्वजनिक बैठक कर सकते हैं. पहले यह सीमा 500 लोगों तक तय की गई थी.
2. इसके अलावा आयोग ने उम्मीदवारों के घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने के नियमों में भी छूट दी है. अब पहले के 10 लोगों की जगह एक साथ 20 लोग डोर-टू-डोर कैंपेन में शामिल हो सकेंगे. इनमें सुरक्षाकर्मियों को नहीं गिना जाएगा.
3. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को बंद जगहों पर ज्यादा से ज्यादा 500 लोगों या हॉल-कमरे की क्षमता से 50 फीसदी लोगों को जुटाकर (जो भी कम हो) बैठक की छूट दी है. पहले यह सीमा 300 लोगों तक ही तय की गई थी.
4. राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को कोरोना अनुरूप व्यवहार करने और मानने की सलाह दी गई है. इसके अलावा चुनाव से जुड़ी गतिविधियों में आचार संहिता के तहत ही आगे बढ़ने की भी सख्त हिदायत जारी की गई है.
5. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि जारी किए गए बदलावों के अलावा महामारी के मद्देनजर 8 जनवरी 2022 को चुनाव से जुड़ी जो भी गाइडलाइंस जारी की गई थीं, वे पहले की तरह ही जारी रहेंगी और यह जिला निर्वाचन अधिकार की जिम्मेदारी होगी कि वह पहले से तय जगहों की पहचान करे और वहां तय नियमों का लागू होना सुनिश्चित करें.
कोरोना के संकट के बीच फिर हुआ प्रतिबंध बढ़ाने का फैसला
कोरोनावायरस महामारी के संकट की वजह से चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक जनसभाओं और रैलियों पर रोक लगाई थी. पहले यह रोक 15 जनवरी तक थी, फिर इसे 22 जनवरी तक बढ़ाया गया और फिर इसे आगे 31 जनवरी तक खींचा गया. हालांकि, भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,09,918 नए मामले आए हैं. यानी संक्रमितों की संख्या लगातार कम हो रही है. ऐसे में आयोग ने कुछ छूट के साथ चुनाव अभियान जारी रखने का फैसला किया है.
पांच राज्यों में 10 फरवरी से शुरू होने हैं मतदान
गौरतलब है कि 10 फरवरी से मतदान शुरू होने हैं. जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल है. यूपी में कुल सात चरणों में मतदान होगा, जबकि मणिपुर में दो चरण में वोटिंग होगी. इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक फेज में वोट पड़ेंगे. पांचों राज्यों के चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.