हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला (Haryana Former CM Omprakash Chautala) अब तिहाड़ जेल से रिहा हो सकते हैं। चौटाला को जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (JBT)भर्ती घोटाले में 10 साल की जेल हुई थी। तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से चौटाला के वकील अमित साहनी को यह जानकारी दी गई है। वकील का कहना है कि सजा होने से मंगलवार तक सरकारी छूट समेत सभी मिलाकर ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी हो गई है।
उनके वकील ने बताया कि कल रात को चौटाला की सजा पूरी हो गई है। कुछ कागजी कार्रवाई बची हुई है। वह पूरी होते ही आधिकारिक तौर पर रिहाई के आदेश जारी हो जाएंगे। फिलहाल कोरोना संकट के चलते ओमप्रकाश चौटाला पेरोल पर जेल से बाहर हैं। ऐसे में एक बार उन्हें जेल प्रशासन के समक्ष सरेंडर करना होगा और उसके बाद रिहाई के लिए आवेदन करना होगा।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सजा काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को रिहा करने के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को संबंधित रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया था। अदालत ने चौटाला की पैरोल अवधि भी 12 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी थी।
बता दें कि जेबीटी भर्ती घोटाले में साल 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को 10 साल की सजा सुनाई गई थी. 2013 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके विधायक बेटे अजय चौटाला को तीन अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ जाली दस्तावेजों का उपयोग करके राज्य में तीन हजार से अधिक शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इसी मामले में अजय चौटाला भी सजा काट रहे हैं। ओमप्रकाश चौटाला के जेल से बाहर आते ही प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से सरगर्मी तेज हो सकती है।
दरअसल, 2018 में केंद्र सरकार ने एक नया नियम बनाया था कि 60 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसदी वाले दिव्यांग व बच्चे अगर अपनी आधी सजा काट चुके हैं तो राज्य सरकार उसकी रिहाई पर विचार कर सकती है। पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने दिल्ली हाई कोर्ट ने इसी का आधार लेकर याचिका दायर की थी कि उनकी सजा 5 साल से ज्याद पूरी हो गई है और उनकी उम्र भी 89 साल है। चौटाला ने यह भी दावा किया था कि वह अप्रैल 2013 में 60 फीसदी दिव्यांग हो चुके थे और जून 2013 में पेसमेकर लगाए जाने के बाद से वह 70 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग हो चुके हैं। ऐसे में उनकी सजा माफ की जाए।