गुजरात के मोरबी में हुए हादसे का मामला अब कोर्ट पहुंच गया है. गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी हादसे को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है. गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर राज्य सरकार के साथ ही अन्य तमाम विभागों को नोटिस जारी किया है.
गुजरात हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार और अन्य विभागों से एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. गुजरात हाईकोर्ट अब इस मामले में 14 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा. गुजरात हाईकोर्ट ने जिन विभागों को नोटिस जारी किया है, उनमें गृह विभाग भी है.
गुजरात हाईकोर्ट ने शहरी आवास विभाग, मोरबी नगर पालिका, राज्य मानवाधिकार आयोग के साथ ही कई सरकारी अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है. गुजरात हाईकोर्ट ने सभी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है.
वहीं गुजरात के मोरबी जिले की अदालत ने मोरबी ब्रिज टूटने की घटना के सिलसिले में ओरेवा कंपनी के दो प्रबंधकों सहित चार आरोपियों की पुलिस रिमांड बढ़ाने से इनकार कर दिया. इससे पहले एक नवंबर को चार आरोपियों को 5 नवंबर तक 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. शनिवार को पुलिस ने आरोपियों की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी. लेकिन अदालत ने इससे इनकार करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
बता दें कि कंपनी के चार आरोपियों में से दो ओरेवा कंपनी के प्रबंधक हैं, जिन्हें ठेका दिया गया था ये दोनों आरोपी ही ब्रिज के नवीनीकरण के मामलों के प्रभारी थे. वहीं अन्य दो को पुल के रखरखाव के लिए sub contract दिया गया था. इन सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPS) की धारा 304, 308, 336, 337 और 114 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बता दें की 30 अक्टूबर को मोरबी में ब्रिज टूटने से बड़ा हादसा हुआ था और इसमें 135 लोगों की मृत्यु हो गई थी. इस पुल का नवीनीकरण ओरेवा कंपनी द्वारा किया गया था. ये पुल करीब 130 साल पुराना अंग्रेजों के ज़माने का था.