वाराणसी ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दायर अर्जी को लेकर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि इस मामले में हम कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में हम तत्काल कोई आदेश कैसे जारी कर सकते हैं। हम इस मामले की लिस्टिंग कर सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले से जुड़ी फाइलों को हमने पढ़ा नहीं है। उनके अध्ययन के बाद ही कोई आदेश जारी किया जा सकता है।
याचिकाकर्ता के वकील हुजेफा अहमदी ने इसे प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट के खिलाफ बताया और सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई की मांग की। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि तुरंत कोई आदेश नहीं दे सकते। फाइल देखने के बाद ही सुनवाई पर निर्णय लिया जाएगा।
CJI के सामने एडवोकेट हुजेफा ने कहा कि आज वाराणसी की अदालत के फैसले पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इसलिए मामले को आज ही तत्काल सुना जाए। कम से कम मामले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी कर दिया जाए। इसके बाद CJI रमन्ना ने कहा कि अभी हमने पेपर नहीं देखा है। बिना पेपर देखे कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगले हफ्ते से सुनवाई कर सकता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि इसके अंदर हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं। इसके अलावा श्रृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा करने की परमिशन दिए जाने की भी मांग की गई है। इस पर अदालत ने सर्वे करने और वीडियोग्राफी का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि सर्वे में मिले सबूतों की रिपोर्ट 17 मई को कोर्ट में पेश की जाए।
शनिवार को सुबह 8 से 12 बजे तक सर्वे और वीडियोग्राफी चलेगी। एडवोकेट कमिश्नर ने कोर्ट के आदेशानुसार कमीशन की कार्रवाई को 17 मई से पहले पूरा करने की बात कही है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह बात लिखी है कि ज्ञानवापी के चप्पे-चप्पे का सर्वे करें। रिपोर्ट 17 मई तक सौंप दें। मामले में अगली कार्रवाई 17 मई को होगी।
गौरतलब है कि 5 हिंदू महिलाओं की ओर से एक अर्जी दाखिल की घई थी, जिसे पर सुनवाई करते हुए पिछले महीने वाराणसी कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। उसकी ओर से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को सर्वे के लिए नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। हालांकि उसने एक और कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश दिया और 17 मई तक सर्वे पूरा कर रिपोर्ट देने को कहा है।