केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच 11वें दौर की बैठक खत्म हो गई है. ये बैठक भी बेनतीजा रही. किसान नेताओं के अनुसार अगली बैठक के लिए सरकार की ओर से कोई तारीख तय नहीं की गई। किसानों और सरकारों के बीच तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध बरकरार है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने कृषि कानूनों को लेकर लगातार जारी बैठकों को कोई नतीजा ना निकलता देख अपना रुख सख्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने किसानों को कहा है कि सबसे बढ़िया और आखिरी प्रस्ताव उन्हें दिया जा रहा है। आगे कोई और प्रस्ताव नहीं दिया जाएगा।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि इनसे बेहतर हम कुछ नहीं दे सकते. नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है. हमने किसानों के सम्मान में प्रस्ताव दिया था. वो अभी तक कोई निर्णय नहीं कर सके हैं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से किसानों से कहा, ‘आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो हमें सूचित करें. इस पर फिर हम चर्चा करेंगे.’
किसान यूनियनों ने इस बैठक में भी सरकार से कहा कि वे चाहते हैं कि तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द किया जाए। बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया।’ राकेश टिकैत ने कहा कि 26 नवंबर को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पहले की तरह ही आयोजित की जाएगी।